- January 14, 2015
देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों के रूप में संचालित हो मॉडल स्कूल -शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर- शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने राज्य के स्वामी विवेकानन्द मॉडल विद्यालयों को देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों के रूप में विकसित किये जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय इस रूप में संचालित हो कि वहां अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों में होड मचे।
श्री देवनानी मंगलवार को शिक्षा संकुल में स्वामी विवेकानन्द माँडल स्कूलों के प्राचार्यों की विशेष कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मॉडल स्कूल ”सेन्टर ऑफ एक्सीलेंसी” के रूप में कैसे संचालित हो, इसके लिए प्राचार्य निरंतर प्रयास करें। उन्होंने मॉडल स्कूलों को स्वामी विवेकानन्द की विचारधारा के अनुरूप चरित्र और संस्कार निर्माण के अंतर्गत बेहतरीन विद्यालयों के रूप में विकसित करने का आह्वान किया।
शिक्षा राज्यमंत्री ने कार्यशाला में मॉडल स्कूल प्राचार्यों को अपने स्वयं के शिक्षण अनुभव भी सुनाए। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्राचार्य को ”पांव में चक्कर और मुंह मे शक्कर” रखनी चाहिए। यानी वह प्रत्येक कक्षा का निरन्तर निरीक्षण करें और अपने साथी शिक्षकों, बच्चों के साथ सदा अच्छा व्यवहार करें। प्राचार्य के मन में कुछ करने की आग रहनी चाहिए। वह हमेशा अपने विद्यालय को श्रेष्ठतम बनाने की सोचें। उन्होंने मॉडल स्कूलों के परीक्षा परिणाम के लिए भी प्राचायों को प्रतिबद्घ होकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि जो प्राचार्य अच्छा परिणाम देंगे, विद्यालय वातावरण बेहतर बनाने के लिए और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करेंगे उन्हे राज्य सरकार पुरस्कृत करने की कार्य योजन पर भी विचार कर रही है।
इससे पहले माध्यमिक शिक्षा अभियान के आयुक्त श्री नरेशपाल गंगवार ने कार्यशाला में राज्य में संचालित 66 स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों की केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्घता के लिए आवेदन की प्रक्रिया को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित 66 में से 44 मॉडल स्कूलों में प्राचार्य लगा दिए गए हैं। उन्हें इन स्कूलों को ‘सेंटर आफ एक्सीलेंसÓ के रूप में चलाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मॉडल स्कूल कैसे बेहतरीन रूप में संचालित हो, इसके संबंध में मार्गदर्शिका भी रमसा द्वारा तैयार की गई है। इसके अलावा प्राचार्यों को प्रदेश के और देश के बेहतरीन स्कूलों का भ्रमण भी करवाया जा रहा है ताकि वे इन स्कूलों के प्रभावी संचालन के लिए प्रेरित हो सकें।
बैठक में अतिरिक्त आयुक्त, माध्यमिक शिक्षा अभियान, श्री श्यामलाल गुर्जर ने मॉडल स्कूलों की कार्य व्यवस्था और संचालन के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों से आए स्कूलों के प्राचार्यों ने अपने सुझाव भी रखे तथा कहा कि वे इन स्कूलों को बेहतरीन रूप में विकसित करने के लिए कृत संकल्प हैं।
साईकिल वितरण योजना में क्रय की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए
शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने महिला साक्षरता दर में वृद्घि के अंतर्गत राजकीय विद्यालय की कक्षा 9 में प्रवेश लेने वाली पात्र छात्राओं को ‘साईकिल वितरणÓ योजना के अंतर्गत गुणवत्ता की साईकिलें पूर्ण पारदर्शिता की प्रक्रिया अपनाकर क्रय कर वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं।
प्रो. देवनानी मंगलवार को शिक्षा संकुल में इस सबंध में आयोजित बैठक में कहा कि साईकिलों का वितरण करने से पूर्व उनकी गुणवत्ता की जांच आवश्यक रूप में की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह भी देखे कि साईकिलों के जो सैम्पल स्वीकृत हों, उन्हीं के अनुरूप साईकिलें छात्राओं को दी जाए। उन्होंने अच्छी क्वालिटी की साईकिलें वितरण करने तथा इस सबंध में श्रेष्ठतम को पैमाना रखते हुए क्रय की कार्यवाही पूर्ण पारदर्शिता से किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों से साईकिलें क्रय किए जाए, उनकी साख को भी देखा जाए। अधिकारी यह भी देखे कि उन्होंने किसी और राज्य में साईकिलों की आपूर्ति इस प्रयोजन से की है तो उसका क्या परिणाम रहा है।
बैठक में शासन सचिव, माध्यमिक शिक्षा श्री नरेशपाल गंगवाल ने साईकिल वितरण की प्रक्रिया समयबद्घ सुनिश्चित करने के साथ ही अप्रैल से मई अंत तक बेहतर क्वालिटी की साईकिलों के क्रय की प्रक्रिया पूर्ण कर हर वर्ष एक जून से उनका वितरण प्रारंभ करने की कार्यवाही किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस सबंध में वार्षिक कैलेण्डर निर्धारित किया जाए।
बैठक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री सुवालाल द्वारा इस सबंध में अपनाई गई प्रक्रिया के संबंध में प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। उन्होंने बताया कि क्रय नियमों के प्रावधान के अनुसार विभाग द्वारा साईकिल क्रय के लिए ई-निविदा से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
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