देवता कौन — सुलेखा डोगरा

देवता कौन — सुलेखा डोगरा

हे देव कौन हो तुम , कहाँ से आये हो
भारत का भाग्य बदलने, दैविक शक्ति कहाँ से लाये हो
अर्जुन की भांति लक्ष्य भेदना, और निरंतर बढ़ते जाना
विराम का कोई काम नहीं,सीखा है पर्वत को झुकाना
सिंह की गर्जना हो तुम, भुजंग की फुंकार हो
नतमस्तक है जिसके समक्ष विश्व सारा

तुम ईश का अवतार हो

विरोधियों के खेमें में त्राहि त्राहि मच गयी,
समस्त विरोधियों की देखो बैंड आज बज गयी
जी. एस. टी . ,नोटबैँदी पर जो, आग थे उगल रहे
वो सभी भी थे खड़े वोटों की कतार में

दीदी, बुआ और बबुआ सभी तो आज मौन हैं
राहुल भी अपने जुमलों पर बहुत पशेमान हैं

स्वच्छता अभियान में सभी को संग ले चले
माँ गंगा को पूणा निर्मल किया, और गंगा पुत्र बन गए

सेना को भी पूर्ण रूप से सवतंत्र किया
उरी और बालकोट में घुस कर शत्रु का विध्वंस किया

कश्मीर के नेतागण भी अपनी बेबसी पे तिलमिला रहे
कायरो की भांति झूठे वादों से जनता को बहका रहे

नमो नमो का जय घोष है आज सारे देश में
भारत का डंका बज रहा है, आज पूरे विदेश में
ऐसा रहनुमा न मिला कभी, और न कभी मिल पायेगा
भारत समस्त विश्व में, विश्व गुरु कहलायेगा

वन्दे मातृम का नारा और बुलंद हो जायेगा
भारत माता की जय ,जन जन गर्व से जाएगा

(https://sulekhadograpoetry.blogspot.com)

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