- August 5, 2017
ड्राइविंग स्किल इम्प्रूवमेंट इंस्टीट्यूट – सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री
जयपुर——- सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री श्री यूनूस खान ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे चाहती हैं कि सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में कमी आए।
राज्य के सभी जिलों में ड्राइविंग स्किल इम्प्रूवमेंट इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे। इसके साथ ही प्रशिक्षित वाहन चालक तैयार करने के लिए आने वाले दिनों में दोपहिया, चारपहिया एवं भारी वाहन का लाइसेंस बनाने से पूर्व चालकों के लिए ड्राइविंग स्कूलों से प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया जाएगा।
सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री श्री यूनूस खान ने शुक्रवार को अजमेर जिले के माखुपुरा में रोडवेज, आईएल एण्ड एफएस इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल तथा कैस्ट्रोल इण्डिया द्वारा ट्रक डाइवरों को सड़क सुरक्षा व वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर सारथी मित्र का शुभारम्भ किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सड़क सुरक्षा की दिशा में पूरी गम्भीरता से प्रयास कर रही है। सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए चालकों का नियमों का पालन करना एवं जनजाग्रति बेहद आवश्यक है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक वाहन चालक जब सड़क पर वाहन चलाए तो उसे नियमों का भली भांति ज्ञान हो। वह स्वयं तो सुरक्षित हो ही, दूसरों को भी सुरक्षित रखे।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रतिवर्ष हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते है। आज सबसे ज्वलंत मुद्दा कोई है तो वे सड़क सुरक्षा का ही है। आमजन को इस मुद्दे के प्रति सबसे ज्यादा जागरूक होना चाहिए। राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा की दिशा में एतिहासिक कार्य किया है। यही कारण है पिछले तीन वर्षों में राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में लगातार कमी आई है।
श्री खान ने कहा कि राजस्थान के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाने तथा प्रशिक्षित ड्राइवर उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक जिले में ड्राइविंग स्किल इम्प्रूवमेंट इंस्टीट्यूट शुरू किए जाएंगे। इन केन्द्रों पर चालकों को उच्च तकनीक से वाहनों तथा मार्ग संकेतकों के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य सरकार सड़कों को सुरक्षित करने के लिए शीघ्र ही सभी तरह के दुपहिया, चारपहिया एवं भारी वाहनों का लाइसेंस देने से पहले चालक को मोटर ड्राइविंग स्कूल से प्रशिक्षण अनिवार्य करने जा रही है। इसके लिए शहरों को ए, बी एवं सी केटेगरी में बांटा जाएगा। मोटर ड्राइविंग स्कूलों के लिए भी नए नियम एवं फीस स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसके तहत आधुनिक तकनीक से युक्त ड्राइविंग स्कूलों को ही मान्यता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि वाहनों का प्रदूषण मुक्त सर्टिफिकेशन एवं फिटनेस को भी प्रभावी किया जाएगा। इसके तहत वाहनाें में प्रदूषण की जांच के लिए ऑटोमेटेड मशीने लगायी जाएंगी। कार्यक्रम में रोडवेज के सीएमडी श्री कुलदीप रांका ने कहा कि वाहन चालकों को प्रशिक्षण और वित्तीय साक्षरता का यह अनूठा प्रयोग निश्चित रूप से सभी के लिए प्रेरणादायी और सड़क सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
रोडवेज के वाहन चालकों को भी यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें भी नवाचार के जरिए नया अनुभव हुआ है। कैस्ट्रोल इंडिया की रश्मि जोशी ने कम्पनी द्वारा सड़क सुरक्षा तथा ड्राइवरों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी श्री विनोद कुमार सहित बड़ी संख्या में वाहन चालक, अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं आमजन मौजूद थे।