• February 1, 2019

‘‘बालिका पंचायत‘‘– वाघा बाॅर्डर पर शैक्षणिक भ्रमण

‘‘बालिका पंचायत‘‘– वाघा बाॅर्डर पर शैक्षणिक भ्रमण

देहरादून ———–प्रत्येक जिला मुख्यालय में उत्तराखण्ड के साहित्य पर आधारित लाईब्रेरी बनायी जाएः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत किसान भवन देहरादून में आयोजित समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम ‘‘बालिका पंचायत‘‘ में सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बालिका पंचायत के माध्यम से बच्चों को सामूहिक रूप से रहने का अवसर प्राप्त हुआ है यह अपने आसपास के लोगों को और समाज को समझने का अच्छा अवसर है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस बालिका पंचायत में प्रतिभाग करने वाले सभी छात्रछात्राओं के मध्य एक स्मृति प्रतियोगिता एवं इस दौरान अपने संस्मरण लिखने की प्रतियोगिता करवाई जाएगी, जिसके विजेता को मुख्यमंत्री द्वारा रू0 1000 पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया जाएगा, साथ ही मुख्यमंत्री ने छात्रछात्राओं से सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि छात्रछात्राओं से प्राप्त सुझावों पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के टाॅप10 छात्रछात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण पर वाघा बाॅर्डर सहित अन्य ऐसे संस्थानों का भ्रमण कराया जाए, जहाँ का भ्रमण कर हमारी युवा पीढ़ी कुछ सीख सके। भ्रमण के लिए स्थानों का चयन बहुत सोचसमझ कर किया जाए ताकि बच्चे ऐसी जगह जा सकें, जहाँ उन्हें सीखने को मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आवश्यकता क्वालिटी एजुकेशन की है। इसके साथ ही हर जिला मुख्यालय में एक ऐसी लाईब्रेरी होनी चाहिए जहां उत्तराखण्ड का साहित्य हो। इससे उन लोगों को सहायता मिलेगी, जो लोग उत्तराखण्ड के साहित्य और इतिहास को जाननासमझना चाहते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मोबाईल स्मार्ट क्लास और मोबाईल लैब का भी अवलोकन किया।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मोबाईल स्मार्ट क्लास और मोबाईल वैन का विस्तार किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के माध्यम से अलगअलग सुपर100 छात्रछात्राओं को आने वाली परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस अवसर पर सचिव शिक्षा डाॅ. भूपिन्दर कौर औलख सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

Related post

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…
भाग्यशाली मैं ….  – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

भाग्यशाली मैं …. – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

(व्यंग लेख ) अतुल मलिकराम  :-   आज कल जीवन जीने का ढंग किसी राजा महाराजा जैसा…

Leave a Reply