- April 22, 2015
जनसंपर्क में वास्तविकता तभी सार्थक माना जाएगा -निदेशक, सूचना एंव जनसंपर्क
जयपुर -सूचना एवं जनसंपर्क, निदेशक श्री अनिल गुप्ता ने कहा कि जनसंपर्क का कार्य में जब वास्तविकता तथा सच्चाई होगी तभी वह सार्थक माना जाएगा। उन्होंने कहा कि आज तकनीक के युग में सभी जानकारी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है। ऐेसे में झूठी व भ्रामक बातों से आमजन को भ्रमित नहीं किया जा सकता।
श्री गुप्ता मंगलवार को सूचना केन्द्र में पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया जयपुर चैप्टर द्वारा आयोजित 38 वें जनसंपर्क दिवस एवं सम्मान समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में, किसी भी शासन व्यवस्था में तथा व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में जनसंपर्क की विधा अत्यन्त महत्वपूर्ण है, जिसके माध्यम से अन्तिम व्यक्ति तक अपने विचार को पहुंचाया जाता है। ऐसे में जनसंपर्क कर्मियों को सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों को जनता तक सकारात्मक पहलू के तौर पर पहुंचाना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवाा के पूर्व अधिकारी एवं शिक्षाविद् श्री राजेन्द्र भाणावत ने कहा कि 21 अप्रेल को जनसंपर्क दिवस एवं सिविल सेवा दिवस दोनों मनाया जाता है तथा दोनों दिवसों का उद्देश्य है कि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक सेवा प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि जनसंपर्क कर्मी सेतु की तरह कार्य करता है तथा उसे अपनी भूमिका का पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क कर्मीं अगर शुद्वता एवं सच्चाई के साथ कार्य करेगें तो उनकी विश्वसनीयता बढ़ेगी जो जनसंपर्क का एक महत्त्वपूर्ण साध्य है।
मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए अमर उजाला समूह के परामर्शी श्री यशवंत व्यास ने कहा कि पत्रकार एवं जनसंपर्क दोनों अलग अलग विधा है तथा यह अंतर बरकरार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क कर्मियों को अपने क्षेत्र में नवाचार पर ध्यान देना चाहिए तथा जमीनीं स्तर पर कार्य करना चाहिए जिससे सामाजिक बदलाव आ सके।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री महेन्द्र सुराणा ने कहा कि जनसंपर्क कर्मियों द्वारा दी गई प्रत्येक जानकारी में नवीनता होनी चाहिए तथा सूचनाएं इस तरह उपलब्ध करवाई जानी चाहिए जिससे वह प्रत्येक वर्ग की समझ में आ सके।
इस अवसर पर जनसंपर्क के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए डॉ. महेन्द्र सुराणा को ‘जनसंपर्क श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। साथ ही डॉ. राजेन्द्र कुमार शर्मा, सुश्री सनोवर पारीक, श्री अरूणेश शर्मा, श्री लोकेश शर्मा को ‘उत्कृष्टता पुरस्कारÓ से नवाजा गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं को भी इस अवसर पर ‘उदीयमान प्रतिभाÓ से सम्मानित किया गया।
इससे पहले पीआरएसआई के अध्यक्ष श्री महेन्द्र जैन ने स्वागत भाषण दिया एवं पीआरएसआई के सचिव श्री अरूण जोशी ने पीआरएसआई का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा ‘जयम्’ स्मारिका का विमोचन किया गया। मंच का संचालन डॉ. ज्योति जोशी द्वारा किया गया। पीआरएसआई के मीडिया प्रभारी श्री देवी सिंह नरूका ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनसंपर्क, जनसंचार व मीडिया से जुड़े गणमान्य लोग तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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