- August 27, 2016
चिकलवास एवं बाघेरी नाका बांध का अवलोकन
जयपुर—जन स्वास्थ्य अभियान्ति्रकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा कि देवास परियोजना फेज तृतीय एवं चतुर्थ से राजसमन्द झील को हमेशा पानी मिलता रहेगा। जिससे झील का जल स्तर हमेशा 7 फीट बना रहेगा। इस परियोजना को राजसमन्द झील से जोड़ने के लिए टनलो एवं पाईप लाईनो का उपयोग किया जाएगा।
श्रीमती माहेश्वरी शुक्रवार को राजसंमद जिले के बाघेरी का नाका स्थित सिंचाई विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बांधो से संबंधित जानकारी दे रही थी। उन्होंने कहा कि नन्दसमन्द से निकलने वाली खारी फिडर से तो पानी राजसमन्द को मिलता ही है लेकिन यदि नन्दसमन्द और बाघेरी का नाका में पानी की आवक बराबर ना हो तो खारी फिडर से पानी नही मिल सकता लेकिन देवास परियोजना को राजसमन्द से जोड़ने पर पानी का स्थाई समाधान हो जाएगा जो यहां के स्थानीय लोगो को पेयजल एवं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा जो इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा।
उन्होंने ये भी कहा कि ये एरिया बीसलपुर का कैचमेंट एरिया होने से यहा बडे़ एनिकट नही बनाए जा सकते है लेकिन चेकडेम बनाए जाने जरुरी है। उन्होंने कहा कि खारी फिडर की पूर्व में 8 करोड़ 40 लाख रुपये व्यय कर मरम्मत कराई थी और अभी वर्तमान में 6 करोड़ रुपये व्यय किए जाकर खारी फिडर एवं समस्त गेटो की मरम्मत कराई है। जिससे पानी व्यर्थ ना बहे साथ ही निगरानी की दृष्टि से कार्मिक लगाकर पेट्रोलिंग भी करवाई गई है। जिससे कोई व्यक्ति रास्ते में पानी से छेड़छाड़ ना करे।
नन्दसमन्द से राजसमन्द तक 37 किलोमीटर खारी फिडर में कई स्थानों पर चट्टाने गिरने की सम्भावना रहती है जिसे भी दुरुस्त करवाया गया है। नन्दसमन्द भरने पर खारी, बनास एवं भराई नहर में बराबर पानी छोड़ा जाता है। श्रीमती माहेश्वरी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिकलवास से निकलने वाली कच्ची नहरों को पक्की करने के प्रस्ताव बनाकर भिजवाए। ताकि सरकार से शीघ्र ही स्वीकृत करवा कर पक्की नहरें निर्माण करवाई जा सके।
उन्होंने ये भी कहा कि वर्तमान में खारी फिडर से 400 क्यूसेक पानी मिल रहा है लेकिन इस नहर को ढाई गुना चौड़ी करने पर एक हजार क्यूसेक पानी प्रतिदिन झील को मिलेगा। राजसमन्द डार्कजोन होने से इस प्रकार के स्टे्रक्चर तैयार किए जा रहे है कि राजसमन्द को डार्कजोन मुक्त किया जा सके। इस मौके पर प्रतिनिधि, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, सिंचाई एवं जलदाय विभाग के अधिकारी जन प्रतिनिधि एवं समाजसेवी भंवरलाल शर्मा उपस्थित थे।
चिकलवास बांध का अवलोकन ः- जन स्वास्थ्य अभियान्ति्रकी मन्त्री श्रीमती किरण माहेश्वरी जब चिकलवास बांध पर चल रही चादर का अवलोकन कर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से पूर्व में चली चादरों की जानकारी के बारे में पूछा तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चिकलवास बांध का निर्माण 1997 में हुआ था लेकिन ये बांध अब तक केवल चार बार ही पूर्ण रुप से भरा है। उन्होंने फिल्टर पम्प हाउस एवं फिल्टर प्लाण्ट का भी अवलोकन किया।
श्रीमती माहेश्वरी ने चिकलवास परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि बाघेरी का नाका बांध से 129 ग्राम/ढाणियों को लाभान्वित किया जा रहा है जो अब चिकलवास परियोजना से लाभान्वित किए जाएगें यह परियोजना दो लाख 49 हजार 439 रुपये की स्वीकृत हुई है । इस परियोजना में चिकलवास बांध पर इन्टेक निर्माण, आर.डब्ल्यू.आर., सी.डब्ल्यूआर, आरजीएफ, मुख्य पाइपलाईन, वितरण पाईपलाइन, सीडब्ल्यूटी, एक उच्च जलाशय पम्प हाउस, पम्पिंग स्टेशन, पम्प सेट, पीसीपी, पशु खेलियां, मुख्य पाइप लाईन सहित भूतल जलाशय आदि निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होने बताया कि पम्पिंग मशीनरी के लिए अधिकृत फर्म को पम्प इंस्पेक्शन के पश्चात पम्प आपूर्ती के निर्देश भी दिए जा चुके है।
सिंचाई विभाग पाल पर लगेगा एक्युपंचर संयत्र ः- जन स्वास्थ्य अभियान्ति्रकी मन्त्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने शुक्रवार को प्रातः जिला मुख्यालय स्थित सिंचाई विभाग पाल का निरीक्षण किया तथा राजसमन्द झील में गोमती नदी एवं खारी फिडर के माध्यम से आइ जलराशि का निहारा तथा कहा कि इस पाल पर एक्युपे्रशर की तर्ज पर एक्युपंचर संयत्र का लगाए जाएगें जिससे यहां के निवासियों को लाभ मिलेगा। इस मौके पर उन्होंने जन समस्या सुन मौके पर दिए निराकरण के निर्देश