गोवा समिट- 200 केमोव के-226टी हेलीकाॅप्टर

गोवा समिट- 200 केमोव के-226टी हेलीकाॅप्टर

दिल्ली -(इकानोमी टाइम्स) गोवा समिट मेें भारत और रूस ने 200 केमोव के-226 टी हेलीकाॅप्टर के संयुक्त उत्पादन पर हस्ताक्षर किया। इस डील सेे सेेनाओें की क्षमता बढ़ेगी।

200 केमोव के-226टी हेलीकाॅप्टरः-

>. छोटा और द्व इंजिन वाला रसियन हेलीकाॅप्टर हैैै
>. अधिकतम 1 टन प्लेलोड की क्षमतावान इसे रसियन हेलीकाॅप्टर ने बनाया हैैै।
>. इसकी अधितम गति 220 किलोमीटर प्रति घंटा हैै।
>.6 लोगोें को ढ़ोने की क्षमता है। रखरखाव आसान है।
>.बहुउद्देशीय हल्का और 3.6 टन की हैैै।

रूस और भारत में डील क्या है ?

>.गोवा समिट मेें के- 226 टी हेलीकाॅप्टर पर ज्वांइट वेंचर शेेयरहोल्डर एग्रीमेंट पर दोनों राष्ट्रों ने घोषणा की।

>. रूस के रोसोेबोरोन एक्पोर्ट और हिंदूस्तान ऐरोनाॅटिक्स लिमिटेेड के बीच ज्वांइट वेंचर समिट ।

>. यह ज्वांइट वेंचर, दिसम्बर 2015 में दिल्ली और मास्कोें केे बीच इंटरगावमेंटल एग्रीमेंट पर हुए हस्ताक्षर का नया स्वरूप है।

>. भारत और रूस के बीच ज्वांइट वेंचर ’’मेक इन इंडिया’’ का एक भाग है- पीएम मोदी।

>. इंटरगावमेंटल एग्रीमेंट के तहत ’रूसी हेलीकाॅप्टर जेएससी’’ रोसोेबोरोन एक्पोर्ट और भारत के एचएएल कार्पोेरेशन 9 वर्षो तक 200 हल्केे बहु उददेशीय के-226 टी का उत्पाद और आपूर्ति की व्यवस्था करेगा।

>. पहले चरण में 60 हेलीकाॅप्टर का उत्पादन संघीय रूस करेगा और शेष 140 हेलीकाॅप्टर का उत्पादन भारत के करने की योजना हैै।

>. ऐसेेबंलीग ,रखरखाव,आॅपरेेशन ,मरम्मतीकरण और तकनीकि सहयोेग की भी व्यवस्था ज्वांइट वेंचर को करना है।

>. भारत मेें हेलीकाॅप्टर का मरम्मतीकरण और रखरखाव के लिए 5 वर्षोें तक ज्वांइन वेंचर करेेगा। प्रथम चरण में सुपुर्दगी के बाद 7 वर्षों तक हेेलीकाॅॅप्टर देखभाल ज्वांइन वेंचर के अधिन होगा।

भारत में उपयोगः-

इस हेलीकाॅप्टर को सियाचीन ग्लेशियर जैसे स्थानों पर उपयोग के लिए चीता चाॅपर फ्लीट पर के स्थान पर उपयोेग किया जायेेगा।

दुर्गम क्षेत्र में सैनिक सर्वेक्षण, सर्विलेंस आपूर्ति और परविहन के क्षेत्र मेें हल्का बहुु उददेशीय मिशन हेलीकाॅप्टर के-226 टी बहुत ही उपयोगी हैै।

(हिंदी अंश)

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