- April 13, 2015
गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए जिला स्तर पर प्रभावी मोनिटरिंग – शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर- शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए जिलेवार मोनिटरिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर अभिभावक, स्थानीय प्रशासन, शैक्षिक अधिकारियों, शिक्षकों और आम जन को जोड़कर शिक्षा में आमूलचूल सुधार के लिए कार्य करने की विभाग ने पहल की है। हमारा प्रयास है कि आने वाले 2 वर्षों में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी 10 राज्यों में आ जाए।
श्री देवनानी ने रविवार को शिक्षा संकुल सभागार में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शिक्षा के लिए बने उप समूह के सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि टीम एजूकेशन प्रतिबद्घता से कार्य कर रही है। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए समुचित मॉड्यूल इस तरह से बनाने का प्रयास है कि विद्यार्थी को जो कुछ पढ़ाया जाए, वह उसे सहजता से सीख सकें।
उन्होंने शिक्षक संघों को जोड़ते हुए प्रदेश में शैक्षिक गुणवत्ता वृद्धि के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की अपनी मंशा जताई तथा कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदेश में शिक्षा अधिकारियों का पदस्थापन उनकी क्षमता के आधार पर किया जाए।
उन्होंने बताया कि राज्य में 4 लाख 32 हजार के करीब शिक्षक है। पिछले कुछ समय के दौरान हमने शिक्षक पदोन्नतियों की ओर ध्यान देते हुए 21 हजार की डीपीसी की है इस माह के अंत तक राज्य में 40 से 50 हजार तक पदोन्नतियां हो जाएगी।
शिक्षा राज्य मंत्री ने सरकारी विद्यालयों में प्रयासों के बावजूद कम नामांकन पर चिंता जताते हुए कहा कि इस संबंध में सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में कार्य करने वाले अध्यापकों का विद्यालयों के साथ आंतरिक जुड़ाव हो। वे नामांकन के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करे। जिस तरह से मतदाता सूची में नामजुड़वाने के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है, उसी प्रतिबद्धता से सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए भी प्रभावी प्रयास किए जाएं। उन्होंने गांव-कस्बों के विद्यालयों में विद्युत और अन्य आधारभूत सुविधाओं के समुचित विकास के लिए भी प्रभावी प्रावधान कर कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया।
बैठक में शिक्षा विभाग के लिए बने उप समूह के सदस्यों ने प्रदेश में शिक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। सदस्यों ने एकमत से कहा कि हमने राजस्थान में स्वयं स्कूलों में जाकर देखा है, शिक्षा विभाग की टीम कमिटेड होकर कार्य कर रही है। सदस्यों ने खासतौर से कहा कि शिक्षा विभाग में परिवर्तन दिखने लगा है। ऐसा लग रहा है कि आने वाले एक-दो सालों में राजस्थान शिक्षा में देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा। उन्होंने शिक्षा मंत्री और उनकी विभागीय टीम की इसके लिए सराहना की।
इससे पहले प्रमुख शासन सचिव, प्रारंभिक शिक्षा और आयुक्त सर्व शिक्षा अभियान श्री पवन कुमार गोयल ने प्रदेश में गुणवत्ता वृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया तथा कहा कि डाईट, एसआईआरटी के अंतर्गत शिक्षकों के विषयवार प्रशिक्षण के साथ ही क्षमता वृद्धि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने शिक्षा क्षेत्र के उप समूह द्वारा सुझाए गए सुझावों की क्रियान्विति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शासन सचिव, माध्यमिक शिक्षा श्री नरेश पाल गंगवाल ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी और प्राचार्यों के प्रशिक्षणके लिए अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के साथ ही विभागीय स्तर पर कार्ययोजना बनाई गई है।
उन्होंने सीबीएसई की तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को शैक्षिक गुणवत्ता वृद्घि के लिए प्रभावी किए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि इस दिशा में भी कार्य किया जाएगा। बैठक में निदेशक, माध्यमिक शिक्षा श्री सुवालाल, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री बी.आर. चौधरी सहित बड़ी संख्या में सर्व शिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने भाग लिया।