गर्भवती माता एवं कुपोषण से बच्चे की मृत्यु नहीं होनी चाहिए : – कलेक्टर श्रीमती शम्मी आबिदी

गर्भवती माता एवं कुपोषण से बच्चे की मृत्यु नहीं होनी चाहिए : – कलेक्टर श्रीमती शम्मी आबिदी

उत्तर बस्तर (कांकेर) / छ०गढ—————————–   जिले में कहीं भी गर्भवती माता एवं कुपोषण से बच्चे की मृत्यु नहीं होनी चाहिए। गर्भवती माताओं का विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। आप सभी महिलाओं एवं बच्चों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही हैं अतः यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आपके अपने कार्यक्षेत्र में ऐसी कोई घटना न घटे । मितानिनें प्रखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) (डीपीएम) जिला कार्यक्रम प्रबंधक से समन्वय बनाकर रखें व कार्यों को निष्ठाापूर्वक अंजाम दें।

कलेक्टर श्रीमती शम्मी आबिदी ने उक्ताश्य के निर्देश जिला पंचायत सभाकक्ष में नोडल अधिकारी मितानिन, मितानिन, समन्वयकों व बीपीएम की बैठक में दिए। श्रीमती आबिदी ने कहा कि मितानिनें गांवों में गर्भवती माताओं को फोकस करें उनसे गृहभेंट कर उनका नियमित स्वास्थ्य परिक्षण एवं खान-पान की जानकारी लेकर उन्हें आवश्यक परामर्श दें। नवविवाहित महिलाओं का पंजीयन करें।

श्रीमती आबिदी ने मितानिनों द्वारा चार नियमित एएनसी लिए जाने की जानकारी ली। गर्भवती माताओं की चौथी एएनसी में रक्तचाप, पल्स, रक्त की कमी एवं बच्चें के सिर की स्थिति का आवश्यक परीक्षण किए जाने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक केन्द्र में आवश्यक उपकरण, वजन नापने की मशीन, ऊंचाई नापने की मशीन, बीपी मशीन इत्यादि होनी चाहिए। जिन केन्द्रों में उपकरण नहीं हैं वे ग्राम सरपंच से राशि की व्यवस्था कर क्रय करें। उन्होने उपस्थित समन्वयकों मितानिनों से सास बहु सम्मेलन के बारे में पूछा जिसे अधिकांश मितानिन बताने में असक्षम रहीं।

श्रीमती आबिदी ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का सबसे अच्छे प्रयास में एक सास बहु सम्मेलन है । जिसमें गर्भावस्था के दौरान जच्चा बच्चा के प्रति बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जाती है। उन्हांेने डीपीएम को भी निर्देश दिए कि वे यह कार्यक्रम आयोजित करायें।

कुपोषण एवं नादानियों से गर्भवती माताओं एवं बच्चों के मृत्यु के गतवर्षों के आकडों से चिंतित श्रीमती आबिदी ने ऐसी किसी भी घटना से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उनहोंने प्रत्येक मितानिनों से उनके क्षेत्र में महिलाओं को डाटा रखने को कहा । टीकाकरण के संबंध में कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को बीसीजी का टीका आवश्य लगाए।

बीसीजी वायल की कमी अथवा अन्य कारण बताए जाने पर उन्होंने समस्त मितानिनों को अपना मोबाईल नम्बर देते हुए कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर वे सीधे एसएमएस के जरीए सूचित करें। उन्होंने कहा कि बच्चों का जीवन एक बीसीजी वायल से ज्यादा जरूरी है।

इस मौके पर पावर पाईंट प्रेजेन्टेशन के जरिए जिले में एनआर एचएम के कार्यों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर पूरे जिले से आई स्वास्थ्य मितानिन, समन्वयक, खंड कार्यक्रम प्रबंधक उपस्थित थे ।

Related post

शरजील इमाम की आपत्तिजनक भाषण: अभियोजक पिछले चार से पांच मौकों पर पेश नहीं

शरजील इमाम की आपत्तिजनक भाषण: अभियोजक पिछले चार से पांच मौकों पर पेश नहीं

दिल्ली उच्च न्यायालय : अभियोजन पक्ष ने छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की आपत्तिजनक भाषण मामले में…
भारत को जलवायु परिवर्तन से 141 अरब डॉलर का संभावित नुकसान: स्वास्थ्य पर बढ़ता संकट

भारत को जलवायु परिवर्तन से 141 अरब डॉलर का संभावित नुकसान: स्वास्थ्य पर बढ़ता संकट

लखनऊ (निशांत सक्सेना ) एक नई रिपोर्ट में यह उजागर किया गया है कि जलवायु परिवर्तन…
कितना सफल है गांवों में हर घर शौचालय का लक्ष्य ? सुहानी

कितना सफल है गांवों में हर घर शौचालय का लक्ष्य ? सुहानी

लुनकरणसर –(राजस्थान)——इस माह के शुरू में राष्ट्रीय स्तर के एक समाचारपत्र ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण…

Leave a Reply