कृत्रिम गर्भाधान के लिए तीन गुनी राशि :- केन्द्रीय सचिव श्री देवेन्द्र चौधरी

कृत्रिम गर्भाधान के लिए तीन गुनी राशि :- केन्द्रीय सचिव श्री देवेन्द्र चौधरी

रायपुर (छ०गढ)——————— केन्द्रीय कृषि, पशुपालन, डेयरी एवं मछली पालन सचिव श्री देवेन्द्र चौधरी ने आज धमतरी जिले के विभिन्न स्थानों का दौरा कर पशुपालन विभाग के तहत हो रहे कार्यों का अवलोकन किया।

सचिव श्री चौधरी ने कुरूद के भाठागांव में स्थित चिलिंग प्लांट का अवलोकन कर वहां मौजूद पशुपालकों तथा दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों के सदस्यों से रू-ब-रू होकर दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों और शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली।

इस दौरान उन्होंने पशुपालकों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाने की बात कहते हुए बताया कि कृत्रिम गर्भाधान के लिए केन्द्र अब छत्तीसगढ़ प्रदेश को तीन गुनी राशि देगा।

केन्द्रीय सचिव श्री चौधरी चिलिंग प्लांट कर अवलोकन कर प्यूरीफायर मशीन का अवलोकन किया तथा लैब टेस्टिंग की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली।

इस दौरान में उन्होंने दूध रखने के स्थान पर ही सैम्पलिंग किट स्थापित करने के लिए कहा, जिससे कि इसमें पारदर्शिता आए।

राज्य डेयरी विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री एस.एस. गहरवार ने बताया कि गांवों में समितियों के माध्यम से दुग्धपालकों से दूध क्रय कर संग्रहण उसका किया जाता है तथा गांव में ही शुद्धता मापक यंत्र (लेक्टोमीटर) के माध्यम से दूध की शुद्धता परखी जाती है।

उन्होंने यह भी बताया कि समितियों से दूध का परिवहन करने के बाद चिलिंग प्लांट में भी लैब टेस्ट किया जाता है। इस दौरान दूध उत्पादन और इसके संवर्द्धन के लिए पशुपालन विभाग और डेयरी उद्यमिता द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त की।

केन्द्रीय सचिव ने पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों से चर्चा की। कुरूद के ग्राम संकरी से आए पशुपालक श्री रामनाथ साहू ने बताया कि विभाग द्वारा भरपूर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पशुओं का उपचार, उनके रखरखाव और चारा की समुचित जानकारी पशु चिकित्सकों द्वारा दी जाती है। दुर्ग जिले के ग्राम कौही से आए पशुपालक श्री मन्नूलाल टिकरिहा ने बताया कि उनके गांव में लगभग दो हजार गौवंशीय पशु हैं और दूध का विक्रय छह किलोमीटर दूर असौंगा समिति में करते हैं।

केन्द्रीय सचिव द्वारा उन्नत नस्ल के सांड के सीमेन की उपलब्धता के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सक घर पर आकर कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया करते हैं। चर्चा के दौरान पशुपालकों ने सचिव से दूध की कीमत में वृद्धि करने की बात कही। पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. एस.के पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सप्ताह में एक दिन कुपोषित बच्चों को राज्य सरकार द्वारा देवभोग दूध दिया जाता है।

इस पर सचिव ने कहा कि सप्ताह में दो या तीन दिन दूध वितरण से खपत बढ़ जाएगी। इसके लिए उन्होंने शासन स्तर पर प्रयास करने की सलाह दी। सचिव श्री चौधरी ने विभाग के अधिकारियों को कृत्रिम गर्भाधान पर विशेष प्रयास और फोकस करने पर जोर दिया।

तदुपरांत केन्द्रीय सचिव का जत्था धमतरी विकासखण्ड के ग्राम ढीमरटिकुर पहुंचा, जहां पर किसान द्वारा नैपियर घास उत्पादन के प्रदर्शन का उन्होंने अवलोकन किया। यहां पर दस एकड़ खेत में नैपियर का उत्पादन व प्रदर्शन किया गया है। इस दौरान बताया गया कि पशुओं के दुग्ध उत्पादन में उक्त चारे को श्रेष्ठ माना जाता है।

ग्राम सांकरा में पशुपालकों से भेंट कर दूध उत्पादन, पशुओं को दिए जाने वाले चारा और दूध उत्पादन की मात्रा के बारे में पूछा। इस दौरान उन्होंने गुजरात की तर्ज पर पशुओं की नस्ल में सुधार लाने और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाने के लिए विभाग के अधिकारियों से कहा। उनके साथ कलेक्टर डॉ. सी.आर. प्रसन्ना सहित पशुपालन विभाग के अधिकारीगण मौजूद थे।व

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