वन अधिकार मान्यता पत्र : 3 लाख 63 हजार व्यक्ति

वन अधिकार मान्यता पत्र : 3 लाख 63 हजार व्यक्ति

रायपुर (सुदेश)—————— वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। राज्य में अब तक तीन लाख 63 हजार 386 परिवारों को व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र दिए जा चुके हैं। इसके अलावा ग्यारह हजार 965 सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र भी इस अवधि में बांटे गए हैं।

यह जानकारी आज यहां मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित समीक्षा बैठक में दी गई। श्री ढांड की अध्यक्षता में यह अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों के मान्यता) अधिनियम 2006 एवं 2007 के क्रियान्वयन के लिए गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक थी।

अधिकारियों ने बैठक में बताया कि व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण में छत्तीसगढ़ देश में द्वितीय स्थान पर और ओड़िशा प्रथम स्थान पर है, जबकि सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण में मध्यप्रदेश प्रथम और छत्तीसगढ़ द्वितीय स्थान पर हैं।

मुख्य सचिव ने वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों के समुचित विकास के लिए पृथक से सेल का गठन किया जाए। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों के समुचित विकास के लिए आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास कार्यालय में पृथक सेल का गठन किया गया है और इसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है।

इसी प्रकार वन, कृषि, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और खाद्य विभाग में भी सेल गठन के निर्देश जारी किए गए हैं। वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत पंद्रह जिलों के लाभान्वित हितग्राहियों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड की गई है। शेष जिलों में भी शीघ्र हितग्राहियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड करने की कार्रवाई की जा रही है।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि अन्य परम्परागत वन निवासी को भी वन अधिकार पत्र का लाभ अधिक से अधिक मिले। इस दिशा में विशेष प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 431 वन ग्राम, जो कि राजस्व ग्राम में तब्दील हुए हैं, इन गांवों के विकास के लिए पृथक से विशेष कार्य योजना बनाई जाए और इसके लिए बजटीय प्रावधान भी किया जाए।

बैठक में विधायक द्वय श्री गोवर्धन मांझी, श्री राजशरण भगत, अदिम जाति कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन.के. असवाल, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.पी. मण्डल, राजस्व विभाग के सचिव श्री के. आर. पिस्दा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री बी.एल. सरन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मुदित कुमार सिंह, आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव श्री आशीष भट्ट, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री पी.सी. मिश्रा, खाद्य विभाग की सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, कृषि विभाग के सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव, आदिम जाति कल्याण विभाग के आयुक्त श्री राजेश सुकुमार टोप्पो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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