- September 25, 2016
कश्मीर की हालात चिन्ताजनक -भाजपा-पीडीपी गठबन्ध ठन – ठन गोपाल -सुश्री मायावती
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोगों को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने का प्रयास गलत तथा केवल राजनैतिक व चुनावी साजिश ।
दूसरों को नसीहत व खुद को फजीहत । भाजपा सरकार कोई भी नया वायदा करने से पहले अपना पुराना वायदा पूरा करें।
सपा के धृतराष्ट्र “पुत्रमोह” में लीन
लखनऊ —- मीडिया बन्धुओं, आज की यह प्रेस कान्फ्रेंस खासकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान कल केरल के कोझिकोड में एक जनसभा को सम्बोधित करते समय खासकर उरी की आतंकवादी घटना में 18 भारतीय सैनिकों के बलिदान के साथ-साथ गरीबी, बेरोजगारी व अशिक्षा को समाप्त करने एवं विकास को भी लेकर जो बातें कहीं है, उस पर अपनी पार्टी की प्रतिक्रिया व्यक्त करने के खास मकसद से बुलायी गयी है।
इस सम्बन्ध में खासकर जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र उरी में आतंकवादियों द्वारा अपने 18 सैनिकों की शहादत को फिर से नतमस्तक करते हुये, हमारी पार्टी का यह कहना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस घटना के साथ-साथ पाकिस्तान व पाकिस्तानी जनता के हित व कल्याण की तरफ ध्यान देने की पाकिस्तान सरकार के मुखिया को सलाह देना अच्छी बात है।
दूसरों को कोई सलाह देेने से पहले इनको पहले अपने खुद के गिरेवान में भी यह झांक कर जरूर देखना चाहिये कि इन सब मामलों में इनकी यहाँ अपनी सरकार का अब तक का रिकार्ड क्या उपदेश देने लायक है भी या नहीं, अर्थात् कहीं ऐसा तो नहीं है कि खुद गुड़ खायें और दूसरों को मीठा खाने से परहेज करने की वे सलाह दे रहे हैं।
लेकिन इन बातों को तथ्यों के आधार पर बात करने से पहले मैं यह कहना चाहती हूँ कि उरी में सैनिक शिविर पर आतंकी हमले में 18 जवानों के बलिदान से अपने देश के लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है, और इस सन्दर्भ में अपने देश के लोग केन्द्र की सरकार से व खासकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से ऐसे ठोस आश्वासन व ऐसी प्रभावी कार्यवाही की उम्मीद करते हैं कि इन घटनाओं की बार-बार यहाँ पुनरावृत्ति ना हो सके।
लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने एक्शन से देश को ऐसा भरोसा नहीं दे पा रहे हैं कि अब बस आगे ऐसा नहीं होगा, अब हमारी सीमायें सुरक्षित है, कोई आतंकी घूसपैठ नहीं कर पायेगा व हमारे किसी भी नागरिक व सैनिक का सीमापार से आतंकी घटनाओं में बलिदान नहीं होगा। यह पूरी तरह से जन अपेक्षा को पूरा कर पाने में केन्द्र सरकार की नाकामी नहीं तो और क्या है?
अब पाकिस्तान से गरीबी, बेरोजगारी व अशिक्षा से जंग करने की बात कही जा रही है, और साथ ही इस बारे में पाकिस्तान की जनता को भी सलाह दी जा रही है, जबकि इनकी यह बयानबाजी वास्तव में ’’दूसरों को नसीहत, खुद को फजीहत’’ के बहु-प्रचलित मुहावरे को ही प्रदर्शित करने वाली है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को अपने गिरेबान में यह भी जरूर झांककर देखना चाहिये कि इनके पिछले लगभग ढाई वर्षों के शासनकाल के दौरान यहाँ गरीबी, मँहगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा के साथ-साथ जनहित व जनकल्याण के मामले में भी इनका रिकार्ड काफी ज्यादा खराब रहा है ।
उन्होंने देश की जनता से लोकसभा आमचुनाव के दौरान किये गये अपने वायदों को थोड़ा भी जमीनी हकीकत में लागू नहीं करके लोगों से वायदा खिलाफी की है जिसके परिणाम स्वरूप ही उन्हें विभिन्न राज्यों में खासकर दिल्ली, बिहार, बंगाल, तमिलनाडु व केरल आदि में करारी हार का सामना करना पड़ा है।
बड़े पैमाने पर महँगाई, गरीबी, बेरोजगारी व अशिक्षा को समाप्त करने के मामलों में केन्द्र सरकार का रवैया भी काफी ज्यादा लचर है। इन सभी समस्याओं पर पूरा ध्यान देकर, ठोस व प्रभावी नीति बनाकर अमल करने के बजाय, बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों के हितों में ही काम करने के लिये, सरकार की शक्ति व संसाधनों का इस्तेमाल करती रही है ।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड व पंजाब आदि राज्यों की जनता यह चाहती है कि इन राज्यों में होने वाले विधानसभा आमचुनाव के दौरान खासकर भाजपा व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कोई लोक-लुभावन बातें व घोषणायें आदि ना करे, बल्कि इससे पहले वे लोकसभा चुनाव के दौरान किये गये अपने पुराने वायदों को पूरा करके दिखायें और फिर आगे कोई नये आश्वासन व घोषणायें आदि करें।
भाजपा व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का अब तक का चाल, चरित्र व चेहरा यह बताता है कि यह गरीबों, मजदूरों, किसानों के साथ-साथ दलितों, अन्य पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम व ईसाई समाज की घोर विरोधी व बड़े-बड़े पूँजीपतियों एवं साम्प्रदायिक तत्वों की हितैषी एक कट्टरवादी सरकार है ।
देश व जनहित एवं जनकल्याण की उम्मीद करना अपने आपको धोखे में रखना ही होगा और इतना ही नहीं बल्कि देश के सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ देश के सैनिकों के हित में केन्द्र की वर्तमान सरकार विफल साबित होगी व सीमापार से निर्देशित होने वाली आतंकी घटनाओं पर विराम नहीं लगा पायेगी, यह गम्भीर चिन्ता की बात है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड व पंजाब आदि राज्यों के लोगों को तो इनके इस प्रकार के चुनावी हथकण्डों के बहकावे में कतई भी नहीं आना है।
वर्तमान में खासकर डेंगू व चिकनगुनिया आदि घातक बीमारियों से लोग त्रस्त हैं ऐेसे समय में प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार धृतराष्ट्र की भुमिका में है।
जिसके कारण सरकारी कामकाज पर बुरा प्रभाव पड़ने के साथ ही स्वास्थ्य सेवायें भी ठप्प हैं । इस अवस्था में प्रदेश की सपा सरकार रोम कि नीरो है ।
बी.एस.पी.
उ.प्र. राज्य कार्यालय,
12 माल एवेन्यू, लखनऊ