ऑनलाईन राजस्व न्यायालयीन प्रकरण

ऑनलाईन राजस्व न्यायालयीन प्रकरण

जगदलपुर———- राज्य सरकार ने प्रदेश में आम लोंगो को राजस्व न्यायालयीन प्रकरणों में की जा रही कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध कराने तथा न्यायालयीन प्रक्रिया में पारदिर्शता लाने के उद्देश्य से प्रदेश में समस्त राजस्व न्यायालयों को ई-न्यायालय में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। इसी के मद्देनजर एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन संभाग मुख्यालय जगदलपुर में किया गया। जो प्रमुख सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन श्रीमती रेणु पिल्ले की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

इस मौके पर संयुक्त सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन श्री पी. निहलानी भी मौजूद थे। श्रीमती पिल्ले ने ऑनलाईन राजस्व न्यायालयीन प्रकरणों की चर्चा से कार्यषाला की शुरूआत की जिसमें उन्होंने राजस्व जिलों के कलेक्टर और तहसीलदार को निर्देषित किया कि नियमित अंतराल में न्यायालय लगनी चाहिए जिससे अधिक प्रकरण लंबित नहीं रहेंगे। परीक्षण हेतु आए प्रकरणों का कलेक्टर यदि नियमित अवलोकन करेंगे तो प्रकरणों की अधिकता में कमी आएगी और वे लंबित नहीं रहेंगे।

कार्यषाला में बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य के सभी राजस्व न्यायालयों को ई-कोर्ट न्यायालय में परिवर्तित कर उन्हें ऑनलाईन करने हेतु कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। ‘ई-कोर्ट’ प्रारंभ होने से राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की सतत सुनवाई तुरंत निराकरण और पारदर्शिता में वृद्धि होगी और पक्षकारों को उनके प्रकरणों में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी कहीं से भी कभी भी ऑनलाईन प्राप्त की जा सकेगी। इस योजना के तहत राजस्व न्यायालय में प्रकरणों का पंजीयन से लेकर अंतिम निराकरण तक सारी कार्रवाई यथा आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना एवं आदेश पारित करना आदि ऑनलाईन की जाएगी।

कार्यषाला में राजस्व प्रकरण और न्यायालयीन मामलों में प्रकरण दर्ज करने, खसरे व रकबे की जानकारी, आवेदक/अनावेदक दर्ज करने, गवाह दर्ज करने और नोटिस जारी करने के संबंध में ऑनलाईन एंट्री की जानकारी दी गई। प्रमुख सचिव श्रीमती पिल्ले ने कहा कि राजस्व न्यायालय में प्रकरणों का अनिवार्य रूप से पंजीयन किया जाना सुनिष्चित करें।

इस मौके पर कलेक्टर बस्तर श्री अमित कटारिया ने प्रकरणों की अपडेषन, पंजीकरण के पष्चात् प्रथम नोटशीट की प्रिंट आउट निकालने, पावती की प्रिंट आउट जारी करने, सभी नोटशीट के पेज में क्रमांक डालने आदि के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये। श्री कटारिया ने प्रकरण में आवष्यक होने पर यथाषीघ्र नोटिस जारी करने का भी सुझाव दिया।

कार्यषाला में प्रकरण क्रमांक के अनुसार आदेष की प्रविष्टि और बयान दर्ज करने व नोटिस जारी करने तथा अन्य प्रक्रियाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। संयुक्त सचिव श्री निहलानी ने भुईयां के डाटा एंट्री में तेजी लाने के निर्देष दिये साथ ही बंदोबस्त की समस्या और नक्षे में पटांकन की दिक्कतों को जल्द दूर करने के निर्देष दिये। कार्यषाला में ऑनलाईन आज की सुनवाई की स्थिति का लाइव डेमो दिखाया गया।

इस दौरान कुल प्रकरणों की न्यायालयवार जानकारी ली गई, जिसमें दर्ज प्रकरण, निराकृत और लंबित पर गहन चर्चा हुई। प्रमुख सचिव ने दो से तीन वर्ष या इससे अधिक के लंबित प्रकरणों की जानकारी कलेक्टर्स से ली और उनके लंबित होने के कारणों की जानकारी ली। इस मौके पर नामांतरण प्रकरणों पर भी चर्चा की गई जिन्हें जल्द निराकृत करने के निर्देष दिये गए। बैठक में भूमि अर्जन, पुनर्वाचन, पुनर्वस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्षिक अधिकार अधिनियम 2013 के संदर्भ में नियमों का कड़ाई से पालन करने निर्देषित किया गया।

कार्यषाला में संपत्ति के मूल्य निर्धारण, तोषण तथा अतिरिक्त मुआवजा पर चर्चा के अलावा आबादी भूमि सर्वेक्षण की जानकारी, राजस्व वसूली तहसीलवार जानकारी, पर्यावरण व अधोसंरचना उपकर का निर्धारण, राजस्व मांग एवं संधारण बाबत्, लेखा के उचित संधारण के संबंध में भी जानकारी दी गई।

इस मौके पर मार्डन रिकार्ड रूम में कार्यों की प्रगति की तहसीलवार जानकारी मार्च 2017 की स्थिति में ली गई जिसमें भवन की उपलब्धता, पुराने अभिलेखों की स्केनिंग, कॉम्पेकटर्स क्रय और कार्य के पूर्णता की स्थिति पर चर्चा की गई। कार्यषाला के अगले क्रम में प्रषिक्षण षिविरों का भी आयोजन किया जाना है जिसके प्रथम चरण की शुरूआत 21 अप्रैल से होगी जिसमें कांकेर, नारायणपुर और कोण्डागांव के सभी राजस्व अधिकारी रायपुर के निमोरा में प्रषिक्षण लेंगे। इसी तरह क्रमषः 22 अप्रैल जगदलपुर और सुकमा व 24 अप्रैल दंतेवाड़ा, बीजापुर के अधिकारी षिविर में उपस्थित रहेंगे।

राजस्व न्यायालय के ऑनलाइन होने पर अब आवेदक इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन प्रकरण को देख पायेंगे। ऑनलाइन सेवा प्रारंभ होने से राजस्व न्यायालयों में किसी भी प्रकरण को ऑनलाइन दर्ज की जायेगी। राजस्व न्यायालय से संबंधित प्रकरण एवं आर्डर की प्रति भी ई-राजस्व न्यायालय से प्राप्त की जा सकेगी।

कार्यषाला में कलेक्टर बस्तर श्री अमित कटारिया, कलेक्टर कांकेर श्रीमती षम्मी आबिदी, कलेक्टर कोण्डागांव श्री समीर विष्नोई, कलेक्टर सुकमा श्री नीरज बंसोड़, कलेक्टर नारायणपुर श्री टामन सिंह सोनवानी, उपायुक्त श्री एस.पी. नवरतन, अपर कलेक्टर श्री हीरालाल नायक, निगम आयुक्त श्री डी. राहुल वेंकट और अपर कलेक्टर श्री आर.आर. ठाकुर, बस्तर संभाग के अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, तकनीकि टीम के श्री वाई.वी.एस. राव, श्री अमित देवांगन, श्री रमेष चिडे़म, श्री पी. अरविन्द सहित राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे।

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