एलवीबी के दोषियों पर हो कार्रवाई

एलवीबी के दोषियों पर हो कार्रवाई

नई दिल्ली/मुंबई —सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है जो निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) में मचे हाहाकार के लिए जिम्मेदार रहे हैं। सरकार ने आरबीआई को अपनी निगरानी व्यवस्था भी दुरुस्त करने की नसीहत दी है।

एलवीबी को संकट से उबारने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) के साथ इसके विलय की अनुमति दे दी। यह विलय 27 नवंबर 2020 से प्रभावी हो जाएगा। डीबीआईएल सिंगापुर के डीबीएस बैंक की सहायक इकाई है। इस विलय प्रक्रिया के बाद एलवीबी की सभी शाखाएं डीबीआईएल की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी। इसके साथ ही जमाकर्ता सहित एलवीबी के सभी ग्राहक 27 नवंबर से डीबीआईएल के ग्राहक हो जाएंगे।

उधर, स्टॉक एक्सचेंजों ने कहा कि गुरुवार से लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर खरीद-बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। बैंक के प्रस्तावित विलय को देखते हुए एक्सचेंजों ने यह कदम उठाया है।

लक्ष्मी विलास बैंक में लेनदेन पर लगी बंदिशें यानी मॉरेटोरियम भी 27 नवंबर से खत्म हो जाएंगी। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि डीबीआईएल एलवीबी के ग्राहकों को सामान्य रूप से सेवाएं देने के लिए सभी उपाय कर रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि एलवीबी का निदेशक मंडल भंग कर दिया गया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जावडेकर ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रणाली की खामियां भी दूर की जाएंगी। उन्होंने कहा कि बैंकिंग तंत्र में व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ये कदम उठाए जाएंगे। सरकार ने आरबीआई को साफ निर्देश दिया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार ने बैंकिंग नियामक से कहा कि जो लोग बैंक कारोबार शुरू कर फर्जीवाड़ा करते हैं और बैंक को बर्बादी के कगार पर लाते हैं उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। जावड़कर ने कहा कि आरबीआई की निगरानी व्यवस्था में भी सुधार होना चाहिए।

आरबीआई ने जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और वित्तीय एवं बैंकिंग क्षेत्र में स्थायित्व बरकरार रखने के लिए 17 नवंबर को एलवीबी को 30 दिनों के लिए मॉरेटोरियम के तहत रख दिया था। साथ ही एलवीबी का निदेशक मंडल भंग कर दिया और इसका काम काज देखने के लिए एक प्रशासक नियुक्त कर दिया। आरबीआई के इस कदम से कुछ महीने पहले से लक्ष्मी विलास बैंक विलय के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्लिक्स कैपिटल के साथ बातचीत कर रहा था। लेकिन इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद बैंक के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल और मंडराने लगे।

(BUSINESS STANDARD)

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