- November 5, 2022
उच्च न्यायालय 15 दिसंबर को रेलवे स्टेशनों से मजारों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक स्थानों से ‘मजारों’ और अन्य धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ ने जन उदघोष सेवा संस्थान और पांच अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि कानपुर और लखनऊ सहित राज्य के रेलवे स्टेशनों के बीच में कई मजार हैं। याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के निर्माण से दुर्घटनाएं हो सकती हैं और इसलिए उन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
हालांकि, केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर एसपी सिंह ने नीति बनाने के लिए कुछ समय मांगा और अदालत को बताया कि कानपुर और लखनऊ के रेलवे स्टेशनों पर ये मजार बहुत पुराने हैं।
पीठ ने केंद्र को यह कहते हुए समय दिया है कि रेल मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार को 15 दिसंबर तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल करना चाहिए और इन “अवैध निर्माण और अतिक्रमण” को हटाने के बाद अदालत को सूचित करना चाहिए।