• January 10, 2017

आपदा प्रबंधन–चर्चा -पर-मांग–1375 करोड़ 45 लाख रुपये

आपदा प्रबंधन–चर्चा -पर-मांग–1375 करोड़ 45 लाख रुपये

जयपुर, 10 जनवरी। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने केन्द्र सरकार नई दिल्ली से प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिलों का जायजा लेने आये अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के सदस्यों से प्रदेश के 7 जिलों- बारां, भीलवाड़ा, पाली, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, प्रतापगढ़ व उदयपुर में 15 जून से 22 अगस्त 2016 तक असामान्य वर्षा से हुई आवास, पशुहानि, जनहानि, क्षतिग्रस्त सड़कों एवं फसल खराबे की क्षति की भरपाई पर चर्चा कर केन्द्र सरकार से 1375 करोड़ 45 लाख रुपये की केन्द्रीय मदद का अनुरोध किया। 1

श्री कटारिया मंगलवार को शासन सचिवालय में आयोजित अंतर मंत्रालयिक केन्दीय दल के सदस्यों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने केन्द्रीय दल को अवगत कराया कि प्रदेश में भारी वर्र्षा से हुए नुकसान की स्थिति का जायजा लेने के लिये दल बाढ़ प्रभावित जिलों के काश्तकारों से रू-ब-रू स्थिति का आकलन कर जल्दी से जल्दी केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि राज्य सरकार प्रदेश के काश्तकारों को तत्काल सहायता उपलब्ध करा सके।

आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में भारी वर्षा से एक भी जनहानि नहीं होने दी, जो भी हुई है, वह अपनी गलती से हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन से आरएसी, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ दलों ने एक हजार 598 लोगोें बाढ़ से बचाया तथा 97 लोगों को हैलीकॉप्टर द्वारा बचाया गया।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने राहत शिविरों में 13 हजार 508 लोगों को ठहरा कर उन्हें तात्कालिक सहायता उपलब्ध करवाई। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन के दौरान प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों का आयोजन कर लोगों की मदद की। उन्होंने बताया कि सभी लोगों को
ऑनलाइन सहायता प्रदान की गई। आज तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई।

श्री कटारिया ने बताया कि प्रदेश में लगभग 15 हजार 384 आवास, 18 हजार किलोमीटर सड़कें तथा बाढ़ प्रभावित 10 जिलों के एक हजार 905 गांवों में भारी वर्षा से 11.77 लाख किसानों की लगभग 8 लाख हैक्टेयर फसलों का भारी नुकसान हुआ है, जिनकी भरपाई के 566 करोड़ रुपये का आदान अनुदान वितरित किया जाना है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान मानव, पशुधन, आवासाें की क्षति,सड़कें, बिजली,जलापूर्ति संरचनाओं में भी भारी क्षति हुई है।

उन्होंने बताया कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन इस राज्य के प्राथमिक क्षेत्र हैं, इस पर लगभग 70 प्रतिशत जनता निर्भर है। इसलिये पशुओं के संधारण के लिये सहायता देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य सरकार द्वारा काश्तकारों के खातों में सीधे 1375 करोड़ रुपये का कृषि आदान अनुदान हस्तांतरित किये है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री ओ. पी. मीना ने अंतर केन्द्रीय दल के सदस्यों के समक्ष बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर आकलन करने तथा सहानुभूतिपूर्वक प्रदेश की वास्तविक स्थिति पर विचार करते हुए अधिक से अधिक सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिये केन्द्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि लोगों से बातचीत करने पर दल को वास्तविक स्थिति का आकलन हो सकेगा।

श्री मीना ने बताया कि खरीफ संवत 2073 की सूखे का 1154 करोड़ रुपये का आदान अनुदान भी बकाया है। उन्होंने बताया कि सामुदायिक कार्यों का 145 करोड़ का नुकसान हुआ है, इसका भी भुगतान करवाने की पहल की जाये।

केन्द्रीय आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के संयुक्त सचिव श्री वी. शशांक शेखर ने राज्य सरकार की मांग को जायज बताते हुए कहा कि नॉम्र्स में आने वाली सभी सहायता दी जाने की कोशिश की जायेगी जिससे कि काश्तकारों को उनके नुकसान की भरपाई हो सके। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की मंशा है कि काश्तकारों को उनका वाजिब हक समय पर मिले।

आपदा प्रबंधन एवं सहायता सचिव श्री रोहित कुमार ने पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से केन्द्रीय दल को प्रदेश में भारी बारिश से हुई तबाही का पूरा लेखा जोखा प्रस्तुत कर वस्तुस्थिति बताई। बैठक में प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन श्री जे.सी. मोहन्ती, राजस्व सचिव श्री आलोक, पशुपालन सचिव श्री कुंजी लाल मीना सहित आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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