• March 27, 2015

अवाप्त जमीन के बदले 25 प्रतिशत भूमि आवंटन की

अवाप्त जमीन के बदले 25 प्रतिशत भूमि आवंटन की

जयपुर -नगरीय विकास मंत्री श्री राजपाल सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि उदयपुर जिले की गिरवा में पाणेरियों की मावली आवासन योजना में अवाप्त जमीन के बदले 25 प्रतिशत भूमि आवंटन की मांग के प्रकरण का कानूनी रूप से समग्र परीक्षण कराकर इस सम्बन्ध में उचित निर्णय लिया जाएगा।

श्री सिंह ने शून्यकाल में इस सम्बन्ध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गिरवा में इस योजना के लिए 1983 में 304 बीघा जमीन अवाप्त की गई थी। इसके बाद वर्ष 2001 तक अवार्ड भी पारित कर दिये गये। उन्होंने बताया कि इसमें से 45 बीघा भूमि के लिए 1988 में नकद मुआवजा देकर खातेदारों से कब्जा भी ले लिया। इसके बाद आवासन मण्डल में 887 मकान बनाकर आवंटित कर दिए।

शेष जमीन के लिए वर्ष 2000-2001 में अवार्ड जारी किया गया तो बाकी लोगों ने अवार्ड लेने से मनाकर दिया और मामला कोर्ट में जाने पर वहां अवार्ड जमा करा दिया गया। कोर्ट में लोगों ने 15 प्रतिशत जमीन की मांग की। जब 15 प्रतिशत जमीन देने का निर्णय किया गया तो उन्होंने कहा कि 15 नहीं 25 प्रतिशत भूमि दी जाए।

उन्होंने बताया कि 94 में से 60 लोगों ने कहा कि वे 80-90 फीट रोड़ पर 15 प्रतिशत भूमि लेने को तैयार हैं। हाउसिंग बोर्ड की समिति ने 2011 में यह तय कर दिया कि जो लोग 80-90 फीट रोड़ पर 15 प्रतिशत भूमि लेने को तैयार उन्हें यह दी जाएगी, इस आधार पर स्कीम को रिवाइज भी कर दिया। इसके लिए 60 में से 37 लोगों ने औपचारिकताएं पूरी की और 16 लोगों को भूमि आवंटित की गई। बाकी लोगों ने कहा कि यह हमारे नॉमीनीज को अवार्ड की जाए।

नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि वर्ष 2005 में सरकार के एक सर्कुलर में कहा गया कि जो जमीन अवाप्त की गई उसके बदले जिन लोगों को जमीन दी जानी है यह उनके नॉमीनीज को अवार्ड की जाए या नहीं, इसके कारण यह मामला अटका हुआ है।

उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में अधिकारियों को बोर्ड के निर्णय अध्ययन करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि बाकी प्रकरण में 94 में से जो 60 लोग उस समय 15 प्रतिशत जमीन लेने को तैयार थे उन्हें शीघ्र पट्टा दे दिया जाएगा।

उदयपुर ग्रामीण में रीको की कलड़वास विस्तार योजना के सम्बन्ध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि उसके लिए 174 हैक्टेयर भूमि का कब्जा ले लिया गया है, शेष 51 हैक्टेयर भूमि हाईकोर्ट के स्टे में है

। उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति के अनुसार भूमि का अधिग्रहण तथा नकद मुआवजे की प्रक्रिया पूरी हो गई है तथा रिजर्वेशन लेटर भी जारी कर दिया गया हैं। भूमि का आवंटन लम्बित है और उसका कारण यह है कि प्रदूषण बोर्ड से इसकी क्लियरेंन्स बाकी है।

उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में भूमि के बदले भूमि के लिए 894 लोगों ने आवेदन किया जिसमें से 723 को शामिल कर लिया गया। भूमि के बदले नकद में 11.25 करोड़ में से 8.29 करोड़ का मुआवजा दे दिया गया है, शेष हाईकोर्ट के ऑर्डर की वजह से लम्बित है।

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