अक्टूबर, 2016 से ई-अपशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन आरंभ

अक्टूबर, 2016 से ई-अपशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन आरंभ

सुनीता दुबे————————–   प्रदेश में अक्टूबर, 2016 से ई-अपशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन आरंभ हो जायेगा। नर्मदा नदी को प्रदूषणमुक्त करने के लिये नदी के किनारे बसे 14 शहर को चिन्हित किया गया है। इन शहरों का प्रदूषित जल नर्मदा में जाने से रोका जायेगा। प्रदेश की झीलों का एक एटलस तैयार किया जायेगा, जिसके आधार पर उनको प्रदूषणमुक्त और विकसित किया जायेगा। ये जानकारी सोमवार को पर्यावरण, पशुपालन एवं मत्स्य-पालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में दी गयी। बैठक में प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री मलय श्रीवास्तव और आयुक्त श्री अनुपम राजन भी उपस्थित थे।

औद्योगिक परिसरों में चलेगा पौध-रोपण अभियान

मंत्री श्री आर्य ने औद्योगिक परिसरों की रिक्त भूमि पर बड़े पैमाने पर पौध-रोपण करवाने को कहा। पौध-रोपण वर्तमान वर्षा ऋतु में एक अभियान के रूप में चलाया जायेगा। श्री आर्य ने भोपाल के समीप स्थित औद्योगिक क्षेत्र मण्डीदीप में भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय खोलने के निर्देश दिये। वर्तमान में प्रदेश में बोर्ड के 17 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। मंत्री श्री आर्य ने होशंगाबाद स्थित पेपर मिल से प्रदूषित जल निकासी की निगरानी के लिये वेब केमरा भी लगवाने के निर्देश दिये।

प्लास्टिक विक्रेता को करवाना होगा पंजीयन

प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये प्रदूषण बोर्ड जन-जागृति अभियान चलाने के अलावा प्लास्टिक विक्रेता के लिये रजिस्ट्रेशन अनिवार्य बनाने जा रहा है। मध्यप्रदेश देश का पहला प्रदेश है, जिसने सीमेंट प्लांट में अनुपयोगी प्लास्टिक को जलाने की योजना बनाकर पहल की है।

इंदौर में धूल-कणों में कमी

बैठक में बताया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सतत रूप से हवा, ध्वनि और वाहन उत्सर्जन का मापन किया जाता है। इंदौर में पिछले दिनों धूल-कणों की बढ़ोत्तरी में गिरावट आयी है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी नियंत्रण बोर्ड देश में दूसरे स्थान पर है। यहाँ हर काम कम्प्यूटर पर होने के कारण तुरंत हो रहा है।

मंत्री श्री आर्य ने एप्को को विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों और शासकीय कार्यालयों में कार्यक्रम करने को भी कहा। बैठक में बताया गया कि एप्को द्वारा प्रदेश की समस्त झीलों का एटलस तैयार किया जा रहा है, जिससे इनमें जैव-विविधता बढ़ाने, प्रदूषणमुक्त करने, संरक्षण और संवर्धन में सहायता मिलेगी।

 

Related post

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ…

 PIB Delhi—एक महत्वपूर्ण सुधार में, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने शिकायतों के समाधान में तेजी लाने…
‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

 PIB Delhi:——— प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में दोपहर…

Leave a Reply