‘एज़ ऑफ इंटेलिजेंस’— हर डेवलपर इनोवेट करे, हर संस्थान उद्योगों को पुनः परिभाषित करे

‘एज़ ऑफ इंटेलिजेंस’—  हर डेवलपर इनोवेट करे, हर संस्थान उद्योगों को पुनः परिभाषित करे

मुंबई—– भारत के लिए सामथ्र्य की कल्पना करते हुए भारत को सशक्त बनाने के अपने मिशन में, माईक्रोसाॅफ्ट ने एआई के लिए देश की तैयारी की जानकारी अपने व्हाईट पेपर, शीर्षक, ‘एज़ ऑफ इंटेलिजेंस’ में दी।

भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने पर केंद्रण, मोबाईल फोन का बढ़ता उपयोग, डेटा का घटता खर्च, ये सभी जनसंख्या के कम सुविधाओं वाले वर्ग को सेवाएं एवं कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सकारात्मक वातावरण निर्मित करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। यह बात माईक्रोसाॅफ्ट ने एआई पर एक व्हाईट पेपर में कही, जिसका अनावरण नैस्काॅम टेक्नाॅलाॅजी एण्ड लीडरशिप फोरम (एनटीएलएफ) 2019 में किया गया।

इस व्हाईट पेपर का शीर्षक, ‘एज़ ऑफ इंटेलिजेंस’ था, जिसमें एआई के संबंध में चुनौतियों और अवसरों का प्रारूप दिया गया और बताया गया कि किस प्रकार उचित सरकारी नीतियां, टेक्नाॅलाॅजिकल प्रगतियां, जिनमें इंटरनेट का बढ़ता उपयोग और कनेक्टिविटी शामिल है, आने वाले समय में डिजिटल परिवर्तन के फायदे प्राप्त करने में मदद करेंगी।

माईक्रोसाॅफ्ट ने टेक्नाॅलाॅजी उद्योग को एआई में भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सक्रिय साझेदारी करने और संलग्न होने के लिए आमंत्रित किया। प्रारूपित किए गए अनेक अभियानों के लिए टेक्नाॅलाॅजी की जरूरत है, जो स्केल, एफिशियंसी और सस्टेनेबिलिटी लाने के लिए आधार के रूप में काम करे। क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटेलिजेंट क्लाउड सेवाओं की तीव्र क्रियान्वयन देश में एआई को अपनाने में प्रमुख भूमिका अदा करेगा।

अनंत महेश्वरी, प्रेसिडेंट, माईक्रोसाॅफ्ट इंडिया ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य एआई में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण समाहित करना है। भारत में अभी एआई अपनाने की शुरुआत हुई है। चार आधारभूत स्तंभों -उद्योगों में डिजिटल परिवर्तन संभव बनाने, इनोवेशन के लिए सहयोग करने, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल निर्मित करने और सतत सामाजिक प्रभाव उत्पन्न करने से एआई की सामथ्र्य का उपयोग होगा व इसे गति मिलेगी। एआई के विकास एवं उपयोग के लिए यह सब एक विकसित नैतिक ढांचे के तहत किया जाना चाहिए।’’

इस पेपर में माईक्रोसाॅफ्ट ‘एज़ ऑफ इंटेलिजेंस’, जिसमें यह दुनिया प्रवेश कर रही है, पर उद्योग का दृष्टिकोण पेश करता है। इसमें हर पक्ष-उत्पाद व सेवाओं में इंटेलिजेंस का अनुभव उसी प्रकार होगा, जिस प्रकार लोग संचार करते हैं, संस्थान जिस प्रकार काम व सहयोग करते हैं और जिस प्रकार देश व समाज विकसित होते हैं। माईक्रोसाॅफ्ट एआई सशक्तीकरण का एक दृष्टिकोण है- हर डेवलपर इनोवेट करे, हर संगठन उद्योगों को पुनः परिभाषित करे और हर व्यक्ति समाज में परिवर्तन लाए।

डेवलपर्स इनोवेट करें

माईक्रोसाॅफ्ट एआई को सुलभ बना रहा है और अपनी खुद की एआई एप्लीकेशंस का निर्माण करने वाली टेक्नाॅलाॅजी एज़्योर पर उपलब्ध करा रहा है, ताकि डेवलपर्स एवं संस्थानों को अपनी सबसे मुश्किल समस्याओं के समाधान के लिए सशक्त बनाया जा सके।

उदाहरण के लिए भारत की भाषाई विविधता एवं साक्षरता के कारण भारत में एक चुनौती समावेशन से संबंधित है। इसके परिणामस्वरूप डिजिटल भाषा की बाधा उत्पन्न हुई है, नागरिकों को सेवाएं आसानी से उपलब्ध नहीं। एआई इस बाधा को दूर करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है तथा सभी मुख्य भारतीय भाषाओं के लिए वाॅईस रिकग्निशन, टेक्स्ट टू स्पीच एवं ट्रांसलेशन संभव बना रहा है। एक बार यह पूरा उपलब्ध हो जाने के बाद सभी सेवाएं सभी नागरिकों को उनकी पसंद की भाषा में दी जा सकेंगीं। माईक्रोसाॅफ्ट सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में ये सेवाएं प्रदान करने के लिए डेवलपर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है।

उद्यमों को पुनः परिभाषित करें

उद्यम विस्तृत एआई के साथ काफी ज्यादा उपलब्धि हासिल कर सकते हैं क्योंकि हर अनुप्रयोग के लिए एआई, हर व्यापारिक प्रक्रिया के लिए एआई और हर कर्मचारी के लिए एआई उपलब्ध होगा। एआई द्वारा संस्थान बेहतर निर्णय ले सकेंगे और डेटा से जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें ग्राहकों की संलग्नता बढ़ाने में, आॅपरेशंस आॅप्टिमाईज़ करने और प्रस्तुतियों में सुधार करने में मदद मिलेगी। एआई के साथ बिज़नेस की प्रक्रियाओं की पुनः कल्पना से कार्य ज्यादा प्रभावशाली होगा, कर्मचारियों का समय बचेगा और वो ज्यादा बड़ी प्राथमिकताओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

शिक्षा – टेक्नाॅलाॅजी विद्यार्थियों को अपने आसपास की दुनिया से कनेक्ट होने के अतुलनीय अवसर निर्मित कर रहा है और उन्हें अपनी पूरी क्षमता के विकास में मदद कर रही है। टीचर्स, एडमिनिस्ट्रेटर्स एवं टेक्नाॅलाॅजी इनोवेटर एआई द्वारा शिक्षा में कुछ गंभीर चुनौतियों के समाधान के लिए सहयोग कर रहे हैं।

माईक्रोसाॅफ्ट की एआई उन्हें क्लासरूम्स में एक्सेसिबिलिटी बढ़ाने और विद्यार्थियों की सफलता तथा पूरे स्कूलों या स्कूल जिलों में रिस्क के लिए स्कूल-व्यापी एआई जानकारी प्रदान करने में मदद कर रही है, ताकि एजुकेटर्स इस बारे में सही निर्णय ले सकें कि विद्यार्थियों के परिणाम में किस प्रकार सुधार लाया जाए।

भारत अपने डिजिटल परिवर्तन के साथ आगे बढ़ रहा है, पब्लिक एवं प्राईवेट, बड़े व छोटे संस्थान क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स एवं इंटेलिजेंस की शक्ति को पहचान रहे हैं। वो अपने जीवन एवं बिज़नेस में सुधार के लिए क्लाउड की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करना शुरु कर रहे हैं।

समाज में परिवर्तन लाएं

एआई जानकारी, शिक्षा, रोजगार, सरकारी सेवाओं तथा सामाजिक एवं आर्थिक अवसरों की पहुंच का विस्तार करने के लिए एक शक्तिशाली अस्त्र है।

एआई के क्रियान्वयन के अपने कार्य में माईक्रोसाॅफ्ट पाॅलिसी थिंक टैंक्स एवं शोध संस्थानों, जैसे नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूट फाॅर ट्रांसफाॅर्मिंग इंडिया) तथा आईसीआईआईसैट के साथ काम कर रहा है, ताकि विविध सेक्टरों में एआई आधारित डिजिटल परिवर्तन को गति देने के लिए प्रारूप का निर्माण कर अपनाया जा सके। इससे यह योजना तैयार करने में मदद मिलेगी कि एआई को किस प्रकार और कहां उपयोग करके एआई आधारित सिस्टम्स में विश्वास और जिम्मेदारी का समावेश किया जा सकता है।

उद्योगों की दीर्घकालिक कार्य योजना से जुड़े विस्तृत एआई प्रारूप के लिए भारत डिजिटल रूप से तैयार है। बाजार के आकार एवं वृद्धि के अवसर के साथ यह आवश्यक हो गया है कि एआई का क्रियान्वयन भारत के लिए किया जाए, जिससे आर्थिक, सामाजिक एवं समावेशी वृद्धि हो।

माईक्रोसाॅफ्ट एआई की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूत स्थिति में है और पूरे स्पेक्ट्रम में सभी हितधारकों को सहयोग करने के लिए तैयार है। इनमें सरकारी, व्यापारिक, और सामुदायिक स्पेक्ट्रम आते हैं, जिनके साथ सहयोग करके एआई के अवसरों को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि भारत की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण वृद्धि की जा सके।

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