ग्रामीण किशोरियां आज भी माहवारी में कपड़े इस्तेमाल करती हैं : निशा साहनी
मुजफ्फरपुर——-संकुचित सोच के कारण आज भी समाज में माहवारी को अभिशाप माना जाता है. हालांकि यह अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है.
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