कुमाऊनी बोली और भाषा से कैसे जुड़ेगी नई पीढ़ी?
श्रुति (कपकोट)———–“बेडू पाको बारो मासा, नारायण ! काफल पाको चैता मेरी छैला” (बेडू तो बारह माह पकते हैं, लेकिन काफल तो केवल
Read More