- March 17, 2018
Rising India क्या है ?—–स्वाभिमान देश के आत्मगौरव —- प्रधानमंत्री
Rising का भाव अंधेरे से उजाले की ओर जाने का आता है।
Rising India क्या है ?
अर्थव्यवस्था की मजबूती Rising India है,सेंसेक्स का रिकॉर्ड स्तर पर होना Rising India है, विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर होना Rising India है या फिर रिकॉर्ड विदेशी निवेश आना Rising India है?
Rising India का मतलब है लोगों के स्वाभिमान का Rise होना, देश के आत्मगौरव का Rise होना।
परिवर्तन को Lead करे और नागरिक उसे follow करें। पिछले चार वर्षों में भारत में हमने ये स्थिति बदल दी है। अब देश का नागरिक Lead करता है और सरकार उसे follow करती है।
कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में देश के नागरिकों ने digital payment को अपना एक मजबूत हथियार बना रखा है।
भारत आज digital payment करने वाले fastest growing market में से एक है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ देश को उसकी आंतरिक बुराइयों से मुक्ति दिलाने के लिए किस तरह लोगों ने कमर कस रखी है।
जिन फैसलों की सिफारिश दशकों पहले की गई थी, लेकिन उन्हें फाइलों में दबाकर रखा गया, जो कानून दशकों पहले पास हुए लेकिन भ्रष्टतंत्र के दबाव में लागू नहीं किए गए, उन्हें भी इस सरकार ने लागू किया और अब इन्हीं कानूनों के आधार पर बड़े स्तर पर कार्रवाई हो रही है।
भारत में जो transformational shift आ रहा है, वो अपने नागरिकों की वजह से आ रहा है, उनकी इच्छाशक्ति की वजह से आ रहा है।
चाहे देश का उदय हो या फिर किसी समाज और व्यक्ति का, अगर बराबरी का भाव नहीं होगा, तो न संकल्प सिद्ध होंगे और न ही समाज।
उज्जवला सिर्फ रसोई ही नहीं, बल्कि करोड़ों परिवारों की तस्वीर बदल रही है।
मणिपुर —- साइंस कांग्रेस का उद्घाटन, फिर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का शिलान्यास, उत्तर पूर्व के लिए महत्वपूर्व अनेक योजनाएं आज शुरू हुई हैं।
पूर्वी भारत का Emotional Integration और Demographic Dividend को ध्यान पर रखा जाना बहुत जरूरी है।
****** ‘Act East And Act Fast For India’s East *******
Act East’ कहता हूं तो उसका विस्तार सिर्फ उत्तर पूर्व के राज्यों तक सीमित नहीं है। बल्कि ये पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, भी शामिल हैं।
देश का ये वो हिस्सा रहा है, जो विकास की दौड़ में पीछे रह गया था।
******** असम में महत्वपूर्ण Gas cracker project *************** 31 सालों से लंबित था। हमने सरकार में आने के बाद इस परियोजना पर फिर काम शुरू किया।
बहुत तेजी के साथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बिहार के बरौनी और झारखंड के सिंदरी में बरसों से बंद पड़े फर्टिलाइजर प्लांट्स को खोलने का काम किया जा रहा है।
इन Plants को गैस, जगदीशपुर से हल्दिया तक बिछाई जा रही गैस पाइपलाइन से मिलेगी।
यही पाइपलाइन पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों में गैस पाइपलाइन पर आधारित उद्योगों का पूरा इको-सिस्टम भी विकसित करेगी।
सरकार का प्रयास था कि ओड़िशा में Paradip Oil Refinery के काम में तेजी आई और अब Paradip विकास का द्वीप बनने की ओर अग्रसर है।
ये भी हमारी ही सरकार का प्रयास था कि असम और अरुणाचल को जोड़ने वाले औऱ रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण ढोला-सादिया पुल का काम तेज गति से पूरा हुआ।
Road sector हो या Rail sector हर तरफ से पूर्वी भारत में Infrastructure को निरंतर बल दिया जा रहा है।
सरकार Waterways को बढ़ावा देने का काम कर रही है। वाराणसी और हल्दिया के बीच Waterway का विकास, यहां के ओद्योगिक ट्रांसपोर्ट को बदलने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
Connectivity को बढ़ावा देने के लिए उड़ान योजना के तहत पूर्वी भारत में 12 नए Airports का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 6 Airport नॉर्थ ईस्ट में बन रहे हैं।
***** सिक्किम में पहली बार commercial flight land हुई है।*****
नए All India Institute of Medical Sciences की बात आई, नए Indian Agricultural Research Institute कि बात आई, तो हमारी सरकार ने पूर्वी भारत को प्राथमिकता दी।
महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण – मोतीहारी में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना भी इस सरकार ने की है।
‘दिल्ली दूरअस्त’ की अवधारणा से अलग हमने दिल्ली, पूर्वी भारत के दरवाजे पर ले जाकर खड़ी कर दी है। हम सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ देश के हर भू-भाग को विकास की मुख्यधारा में शामिल कर रहे हैं।
स्वतंत्रता के बाद देश में 18 हजार गांव ऐसे थे, जहां तक बिजली नहीं पहुंची थी। लेकिन इनमें से लगभग 13 हजार गांव पूर्वी भारत के थे।
इन 13 हजार गांवों में से भी 5 हजार गांव नॉर्थ ईस्ट के थे। इन गावों तक बिजली पहुंचाने का कार्य पूर्णता पर है।
बल्कि अब तो हर घर को बिजली कनेक्शन से जोड़ने के लिए हमारी सरकार ने सौभाग्य योजना भी शुरू की है। इस पर सरकार 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है।
पूर्वी भारत के लोगों की जिंदगी में आई ये रोशनी, Isolation to Integration का ये रास्ता ही Rising India की चमक को और प्रखर करेगा।
कॉरपोरेट जगत में एक कहावत प्रचलित है कि You can’t Manage what You can’t Measure.
इसे हम और भी आगे लेकर गए हैं – Measure to Manage and Manage to Create Mass Movement.
Health Sector
हम Health Sector को Multi Sectoral तरीके से आगे बढ़ाते हुए इसमें चार Pillars पर ध्यान दे रहे हैं।
** Preventive Health,
** Affordable Healthcare,
** Supplyside interventions
** Mission mode intervention
हमने इन चारों विषयों पर एक साथ Focus किया है। देश में health care के लिए सिर्फ Health Ministry हो और वो अकेली ही काम करती रहे तो इससे सिर्फ silos बनते हैं, solutions नहीं निकलते। हमारा प्रयास रहा है – No Silos, Only Solutions.
Health Ministry के साथ-साथ इन विषयों से जुड़े अन्य मंत्रालयों को, स्वच्छता मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, Ministry of Chemicals and Fertilizers, उपभोक्ता मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कोभी साथ-साथ रखा। इस तरह से हमने सबको साथ मिलाकर निर्धारित Goal की ओर आगे बढ़ने का प्रयास किया है।
अगर मैं पहले Pillar यानि Preventive Health की बात करूं तो ये सबसे सस्ता भी है और सबसे आसान भी।
स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छता सबसे पहली आवश्यकता है
हमने पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय को activate किया।
परिणाम देखिए कि 2014 तक पूरे भारत में 6.5 करोड़ घरों में शौचालय थे लेकिन अब 13 करोड़ घरों में शौचालय हैं यानि दोगुनी बढ़ोतरी।
देश में सैनिटेशन कवरेज 38 प्रतिशत से बढ़कर करीब 80 प्रतिशत हो चुकी है। स्वच्छता अभियान के साथ ये संदेश भी घर-घर पहुंचा है कि कि गंदगी अपने साथ बीमारियां लेकर आती हैं, जबकि स्वच्छता रोगों को दूर भगाती है।
Preventive Health Care के रूप में योग ने नए सिरे से अपनी पहचान को स्थापित किया है।
आयुष मंत्रालय के activate होने की वजह से योग आज दुनिया भर में एक Mass Movement बन रहा है।
बजट में Wellness Centre लेकर आए हैं। सरकार का प्रयास देश की हर बड़ी पंचायत में हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाने का है।
इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम पर हमने विशेष जोर दिया है। हमारी सरकार आने से पहले देश में टीकाकरण की वृद्धि दर सिर्फ 1 प्रतिशत थी, जो आज बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो चुकी है।
Preventive Health Care के साथ ही Healthcare का Affordable होना भी जरूरी है। हेल्थ केयर Accessible हो और Affordable भी हो, जन सामान्य के लिए सस्ता और सुलभ हो, इसके लिए भी हमने कई कदम उठाए हैं।
Ministry of Chemicals and Fertilizers को activate किया जो इस दिशा में काम कर रही है। देश भर में 3000 से अधिक जन-औषधि केंद्र खोले गए हैं जहां 800 से ज्यादा दवाइयां कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
हृदय रोगियों को स्टेंट कम कीमत पर मिले, इसके लिए हमने उपभोक्ता मंत्रालय को active किया और उसने इस पर विशेष पहल की जिसका परिणाम है कि आज हार्ट स्टेंट की कीमत 85 प्रतिशत तक कम हो गई है। Knee implantsकी कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है, जिससे इसके दाम में 50 से 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
आयुष्मान भारत ——- आयुष्मान भारत योजना से देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है। लगभग 10 करोड़ परिवार यानी करीब 45 से 50 करोड़ नागरिक इलाज की चिंता से मुक्त हो जाएंगे। अगर उनके परिवार में कोई बीमार पड़ा तो एक साल में 5 लाख रुपये का खर्च भारत सरकार और इंश्योरेंस कंपनी मिलकर देगी।
Health Sector का तीसरा बड़ा Piller है, Supplyside interventions. स्वास्थ्य के साथ जो आवश्यक सुविधाएं जुड़ी हैं, उसे भी सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
खासतौर पर गांवों में डॉक्टर्स की कमी महसूस की जाती है। इससे निपटने के लिए हमारी सरकार ने मेडिकल सीटें बढ़ाई हैं।
2014 में जब हमारी सरकार बनी थी तो मेडिकल में 52 हजार अंडरग्रेजुएट और 30 हजार पोस्ट ग्रेजुएट सीटें थीं। अब देश में 85 हजार से ज्यादा अंडरग्रेजुएट और 46 हजार से ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट सीटें हैं।
देशभर में नए एम्स और आयुर्वेद विज्ञान संस्थान की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा हर तीन संसदीय सीटों के बीच में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण की भी योजना है।
नर्सिंग और पैरामेडिकल के क्षेत्र में भी Human Resource को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। मेडिकल प्रोफेशनल्स बढ़ेंगे तो affordability और access भी बढ़ेगा।
Health Sector का चौथा और बहुत महत्वपूर्ण Pillar है- Mission mode intervention.
challenges ऐसे होते हैं जिनके लिए मिशन मोड में काम करने की जरूरत होती है और तभी उन challenges से निपटने में मदद मिलती है और उनके परिणाम देखने को मिलते हैं।
One size does not fit for all. इसलिए हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि हर क्षेत्र, हर सेक्टर का Unique Development Model विकसित हो।
आपने जो लोगों के चेहरे पर खुशी देखी है, वो मेरे लिए Rising India है।
आपको याद होगा 6 साल पहले जुलाई में ग्रिड फेल होने से देश अंधेरे में डूब गया था। जो हुआ वो एक system का, शासनतंत्र का breakdown था।
Silos की ये स्थिति थी कि एक समय ऊर्जा मंत्रालय को नहीं पता होता था कि कोयला मंत्रालय का रोडमैप क्या है। New and Renewable Energy मंत्रालय का Power Ministry के साथ कोई समन्वय नहीं था।
Silos तोड़कर Solution निकालने का ये कार्य देश के Power Sector में भी बहुत व्यापक तरीके से हो रहा है।
भारत की ऊर्जा सुरक्षा के best solutions के लिए Power Ministry, Renewable Energy Ministry और Coal Ministry एक unit के रूप में काम कर रहे हैं।
कोयले से हमें energy security मिलती है, तो renewableenergy हमारी आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हमें sustainable energy दे सकती है।
हम Power Shortage से Power Surplus की तरफ, Network Failure से Net Exporter की तरफ बढ़ रहे हैं।
सरकार के प्रयासों से One Nation-One Grid का सपना भी साकार हुआ है।
हर भारतीय में ये विश्वास आया है कि 21वीं सदी का भारत अपनी कमजोरियों को छोड़कर, अपने बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ सकता है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपने को सच कर सकता है। लोगों का ये प्रबल विश्वास ही Rising India का आधार है।
भारत के इस उदय को, Rising India को मान दे रहा है, सम्मान दे रहा है।
ये Rising India की एक ऐसी तस्वीर है, जिस पर आप सभी को गर्व होगा।
भारत ने विश्व के विकास को एक नई दिशा दी है।
भारत आज पूरे विश्व में सोलर क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। International Solar Alliance का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में लॉन्च किए गए Delhi Solar Agenda को लागू करने के लिए 60 से ज्यादा देशों ने अपनी सहमति जताई है।
Climate Chage जैसे विषय में भारत का ये प्रयास 21वीं सदी में संपूर्ण मानवता की सबसे बड़ी सेवाओं में से एक है।
भारत ने दुनिया को संदेश दिया है शांति का, विकास का, sustainable development का।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र हो या G-20, ऐसे विषय उठाए हैं जो पूरे विश्व को प्रभावित करते हैं।
आतंकवाद सिर्फ एक देश या एक क्षेत्र की समस्या नहीं, बल्कि दुनिया के हर देश के लिए एक चुनौती है, इस बात को भारत ने ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्थापित किया है।
अलग-अलग देशों में कालेधन का प्रवाह और भ्रष्टाचार किस तरह विश्व के विकास में बाधक है, Effective Financial Governance के लिए चुनौती बना हुआ है, ये विषय भी भारत ने ही सबसे पुरजोर तरीके से उठाया है।
भारत का ही आत्मविश्वास है कि जहां पूरा विश्व 2030 तक TB को खत्म करने के लिए कार्य कर रहा है, हमने उससे भी 5 वर्ष पहले, यानि 2025 तक इस बीमारी से मुक्ति पाने की ठान ली है। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत 2025 में पूरी दुनिया को ये लक्ष्य हासिल करके दिखा देगा।
India Rising सिर्फ दो शब्द नहीं हैं। ये दो शब्द सवा सौ करोड़ भारतीयों की उस ताकत का प्रतीक हैं, जिसे आज पूरी दुनिया नमन कर रही है।
Missile Technology Control Regime में शामिल होने के बाद भारत ‘वासेनार अरेंजमेंट’ और ‘ऑस्ट्रेलिया ग्रुप’ में भी शामिल हो चुका है। International Tribunal for the Law of the Sea के चुनाव में, International Maritime Organization के चुनाव में, United Nations Economic and Social Council के चुनाव में भारत को विजय प्राप्त हुई है। International Court of Justice में जिस तरह भारत को जीत मिली, उसकी तो दुनिया भर में चर्चा हुई है।
आयुष्मान भारत के लिए ही नहीं, बल्कि आयुष्मान विश्व के लिए भी कार्य कर रहे हैं। योग और आयुर्वेद को लेकर दुनिया भर में जो जागरूकता आ रही है, वो भी Rising India का ही एक प्रतिबिंब है।
अर्थव्यवस्था की बात करूं तो पिछले तीन-चार वर्षों में भारत ने अपने साथ ही पूरी दुनिया की economic growth को मजबूती दी है। जो देश World GDP का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा है, वो आज World economy की ग्रोथ में 7 गुना ज्यादा कंट्रीब्यूट कर रहा है।
Macro-Economic पैरामीटर हैं- Inflation, CurrentAccount Deficit, Fiscal Deficit,GDP Growth,Interest rate,FDI Inflow, भारत सभी में अच्छा Perform कर रहा है।
Top three prospective host economies में भी भारत का नाम लिया जाता है।
FDI Confidence Index में भारत को Top two emerging market performers में से एकबताया जाता है।
अंकटाडकी World Investment Report में भी भारत को दुनिया के favourite FDI destinations में से एक बताया गया है।
World Bank की Ease of Doing Business की रैंकिंग में भी हमने सिर्फ तीन साल में 42 अंकों का सुधार किया है।
वर्ष 2017-18 के तीसरे क्वार्टर में भारत ने 7.2 प्रतिशत की विकासदर हासिल की है। अर्थव्यवस्था के जानकार कह रहे हैं कि ये रफ्तार अभी और बढ़ेगी।
साथियों, 2014 के पहले देश के Tax System की पहचान थी, inverstors के लिए Unfriendly, Unpredictable और Non-Transparent. अब इस स्थिति में परिवर्तन आ रहा है।GST ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े economic Markets में से एक के तौर पर स्थापित किया है।
सरकार गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग की Aspirations को समझते हुए holistic approach के साथ काम कररही है।
Revitalising Infrastructure and Systems in Education यानि RISE नाम से एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की है ।
हमारी सरकार अगले चार साल में देश के Education System को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
सरकार देश में वर्ल्ड क्लास 20 Institute Of Eminence बनाने पर भी काम कर रही है।
Higher Education से जुड़े प्राइवेट और पब्लिक Institutes के साथ हम मिलकर काम कर रहे हैं।
इस मिशन के तहत Public Sector के चुने हुए 10 संस्थानों को 10 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी दी जाएगी।
इसी तरह देश के नौजवानों में Self Employment औऱ विशेषकर MSME सेक्टर में काम कर रहे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए हम स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया मिशन जैसे कार्यक्रम चला रहे हैं।
विशेषकर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना नौजवानों और महिलाओं के सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बन रही है। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से लेकर अब तक 11 करोड़ से ज्यादा लोन हमारी सरकार ने स्वीकृत किए हैं।
लोगों को बिना गारंटी 5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया है।
इस वर्ष के बजट में भी हमने 3 लाख करोड़ रुपए का मुद्रा लोन देना तय किया है।
अगर इन सारे प्रयासों को एक बुके के तौर पर देखें, तो ये कार्य Middle Class और Urban Youth की Aspirations को पूरा करने वाले और रोजगार के नए अवसर बनाने वाले साबित हो रहे हैं।
मुझे उम्मीद है कि विकास की मुख्यधारा में पीछे छूट गया चाहे कोई व्यक्ति हो या क्षेत्र, जब वो तेज गति से आगे बढ़ेगा, उसकी शक्तियों, उसके संसाधनो के साथ न्याय होगा, तो Rising India की Story भी और सशक्त होगी।