- December 5, 2020
IM और IV में इंजेक्शन देने वाले सरकारी व निजी कर्मियों की सूची मांगी
पटना (दैनिक भास्कर) कोविड-19 की वैक्सीन आ भी जाती है तो इसे लगाएगा कौन? टीका लगाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी फौज चाहिए। सरकार के लिए अब करोड़ों लोगों को इंजेक्शन दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है। भारत सरकार के निर्देश के बाद बिहार में ऐसे लोगों की तलाश चल रही है जो इंट्रा मस्क्युलर (IM) और इंट्रा वेंस (IV) में इंजेक्शन देने में सक्षम हों। राज्य स्वास्थ्य समिति की निगरानी में प्रदेश में ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों के मेडिकल प्रैक्टिशनर की तलाश की जा रही है। हर जिले में इसके लिए एक कोषांग का गठन किया गया है जहां पूरी सूचनाएं दर्ज की जा रही है।
प्राइवेट हेल्थ वर्कर के बिना मुश्किल होगा वैक्सीनेशन
पटना में 67 लाख लोगों का वैक्सिनेशन होना है। सरकारी अस्पतालों और सेंटरों में इतने लोगों को वैक्सीन देना संभव नहीं है। इसलिए प्राइवेट अस्पतालों में भी वैक्सिनेशन होगा। जिस तरह प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना अस्पताल बनाया गया था, ठीक उसी तरह वैक्सिनेशन के लिए प्राइवेट अस्पताल की व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा। प्राइवेट हेल्थ वर्कर की भी खोज जारी है जो इंजेक्शन लगा सकें।
पटना के 67 लाख लोगों का वैक्सिनेशन होना है
अमूमन इंट्रा मस्क्युलर (IM) और इंट्रा वेंस (IV) में इंजेक्शन डॉक्टर, नर्स, एएनएम लगाते हैं। इसके अलावा पैथोलॉजिस्ट, ओटी सहायक और फार्मासिस्ट को भी इंजेक्शन का प्रशिक्षण दिया जाता है। पटना के 67 लाख लोगों का वैक्सिनेशन होना है, लेकिन सरकारी अस्पतालों और सेंटरों में जो व्यवस्था है उसमें एक साथ इतने लोगों को वैक्सीन देना संभव नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऐसे हेल्थ वर्कर की सूची तैयार की जा रही है।
दिया जाएगा प्रशिक्षण
सूची तैयार होने के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों में काम करने वाले हेल्थ वर्कर को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पटना के प्रतिरक्षण पदाधिकारी और कोविड वैक्सीन को लेकर काम कर रहे डॉ. एसपी विनायक का कहना है कि जो सूची तैयार की जा रही है उसमें निजी और सरकारी अस्पतालों के कर्मी शामिल हैं। एक साथ इतने लोगों का वैक्सिनेशन करना है और इसके लिए निजी अस्पतालों का सहयोग बड़े पैमाने पर लिया जाएगा। सूची तैयार होने के बाद फिर प्रशिक्षण देने का काम होगा।