- November 4, 2015
पुनर्विवाह की स्थिति में एक संतान पैदा करने की छूट
जयपुर -मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
संसदीय कार्यमंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि किसी कर्मचारी के पति या पत्नी की मृत्यु हो जाने पर तथा उसके पुनर्विवाह करने की स्थिति में प्राकृतिक न्याय को ध्यान में रखते हुए उसे एक संतान पैदा करने की छूट दी जाएगी। एक प्रसव में एक से अधिक संतान होने पर उसे एक ही माना जाएगा।
श्री राठौड़ ने बताया कि 20 जून, 2001 को राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतान होने पर वह राजकीय सेवा में नियुक्ति का पात्र नहीं था। साथ ही जो राज्य सेवा में है, उसके दो से अधिक संतान होने पर वह पांच वर्ष तक पदोन्नति का पात्र नहीं था। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की मांग पर राज्य सरकार ने इसमें बदलाव के लिए विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन का निर्णय लिया है।
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि विभागों में बड़ी संख्या में रिक्तियों को देखते हुए कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि रिक्त पद उपलब्ध होने पर प्रशासनिक विभाग एक वर्ष के लिए 65 वर्ष से कम उम्र के सेवानिृत्त कर्मचारी को कार्मिक और वित्त विभाग पूर्व सहमति के बिना ही नियुक्त कर सकेंगे। पद रिक्त रहने पर प्रशासनिक विभाग नियुक्ति की अवधि आगे एक वर्ष के लिए बढ़ा सकेगा। दो वर्ष बाद भी पद रिक्त रहने पर पुनर्नियुक्ति के लिए कार्मिक व वित्त विभाग की सहमति आवश्यक होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1996 के नियम 164 ए में परिवर्तन किया जाएगा।
श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में कैबिनेट ने राजस्थान अधीनस्थ न्यायालय लिपिकवर्गीय स्थापन नियम, 1986 के नियम 3, 10, 13, 14, 15, 16, 17, 19, 21, 22, 23 एवं अनुसूची एक, दो तथा चार में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके अनुसार अब अधीनस्थ न्यायालय के स्टाफ के चयन के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था राजस्थान उच्च न्यायालय के स्तर पर संपादित होगी। भर्ती के प्राधिकृत अधिकारी हाईकोर्ट का रजिस्ट्रार जनरल या हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कोई अन्य अधिकारी होगा। जिला जज प्रतिवर्ष होने वाली रिक्तियों का वर्ष में एक बार आकलन करेंगे और प्राधिकृत अधिकारी द्वारा इस आधार पर वर्ष में एक बार भर्ती की जाएगी।