- October 30, 2015
गरीब व मजदूरों के कल्याण के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयासरत – श्रम राज्य मंत्री
जयपुर – श्रम एवं नियोजन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टी.टी. ने बताया कि प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन व्यापन करने वाले श्रमिकों तथा गरीबों एवं मजदूरो के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।
श्री टीटी गुरूवार को दौसा में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि गरीबो एवं मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कुशल प्रशिक्षण, कार्यरत श्रमिकों का पंजीयन एवं पीडि़त श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार कार्य करते हुये पात्र निर्माण श्रमिकों को विभाग की जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करवाना सुनिश्चित करें ।
श्रम मंत्री ने कहा कि विभाग की योजनाओं को जन -जन तक पहुंचाने के लिए ग्राम पंचायत के सरपंचों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की कार्यशाला आयोजित करें तथा क्षेत्र में भ्रमण, रात्रि चौपाल व आयोजित अन्य कार्यक्रमों में श्रमिकों के पंजीयन, कौशल प्रशिक्षण व रोजगार आदि के बारे में जानकारी दे।
श्री टीटी ने कहा कि पात्र श्रमिकों के पंजीकरण प्रक्रिया को भी सरल बनाते हुए विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिवों, लिपिकों को इनके पंजीकरण की सुविधा दे दी गई है।
श्री टीटी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का संदेश है कि जिस हाथ में कौशल का हुनर होगा वो हाथ कभी भूखा नही रहेगा। इसी भावना को मूर्त रूप देने के लिए राजस्थान की यशस्वी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आरमोल व आरमोल के अधीन आरएसएलडीसी का गठन किया गया है। साथ ही एक नवीन विभाग रोजगार, उद्यमिता एवं कौशल विकास का भी गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे सभी नवयुवक जो किसी कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह गये या बेरोजगार है उनको विशेष प्रशिक्षण देकर रोजगार युक्त करने की महत्वकांक्षी योजना कौशल विकास मंत्रलाय द्वारा संचालित की जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में विभिन्न योजनाओं में लगभग 80 हजार बेरोजगार युवक विभिन्न प्रशिक्षण लेकर रोजगार युक्त हुए है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 170 कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से लगभग 20 हजार बेरोजगार नवयुवक वर्तमान में प्रशिक्षण में चल रहे है। वर्तमान में लगभग 148 से भी अधिक प्रकार के विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे है, जिनमें आटो मोबाईल्स, सभी प्रकार मिस्त्री प्रशिक्षण, चौकीदार, कम्प्यूटर, ब्यूटीशीयन, एकाउन्टस, टेलरिंग, हैण्डीक्राफ्ट, नर्सिंग, बेड साईड एसीसटेन्स, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, कृषियन्त्रों के मैकेनिक, ड्राईवर तथा सभी उद्योगों में अलग-अलग काम करने के लिए आवश्यक मैकेनिक व अन्य प्रकार के प्रशिक्षण राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क प्रदान किए जाएंगे साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को स्टेशनरी, ड्रेस प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण में 30 किमी. से दूर से आने वाले युवाओं को नि:शुल्क रहने खाने की सुविधा भी दी जाएगी।
उन्होंन बताया कि योजना के तहत उदयपुर में स्थायी प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण हो गया है तथा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार युक्त बनाया जाएगा। इसके अलावा मुम्बई स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) के माध्यम से कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को वित्तीय शिक्षा प्रदान कर उन्हें रोजगार युक्त बनाया जायेगा। राज्य के भवन निर्माण श्रमिकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी भवन निर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल के माध्यम से कौशल विकास निगम द्वारा की गई है।
श्रम राज्य मंत्री नेे कहा कि राज्य सरकार 15 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे। इनमें से 5 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जहां राज्य में वर्ष 2012-13 व 2013-14 में 22 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष कौशल विकास पर खर्च हो रहा था वही अब 2015-16 में कौशल विकास पर 500 करोड़ से भी अधिक राशि व्यय की जाएगी। इन सभी का परिणाम है कि राजस्थान राज्य को कौशल विकास में उत्कृष्ट कार्य करने एवं प्रथम स्थान पर आने के लिए एसोचेम द्वारा ‘गोल्ड ट्राफीÓ प्रदान की गई है।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री एस0एस0 पवार ने कहा कि जिले मे श्रम कल्याण विभाग की योजनाओ के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
बैठक मे क्षेत्रीय विधायक श्री शंकर लाल शर्मा, समाज सेवी श्री घनश्याम बालाहेडी, उप श्रम आयुक्त श्री धर्मपाल सिह सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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