पहाड़ी कोरवा समुदाय के श्री लम्बूराम की मौत भूख से नहीं

पहाड़ी कोरवा समुदाय के श्री लम्बूराम की मौत भूख से नहीं

रायपुर (छ०गढ) –     राज्य सरकार ने कहा है कि जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम लेदरापाठ (ग्राम पंचायत सन्ना) निवासी पहाड़ी कोरवा समुदाय के श्री लम्बूराम की मौत भूख से नहीं हुई है। राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य में लगभग 60 लाख परिवारों को हर महीने मात्र एक रूपए किलो के मान से नियमित रूप से चावल दिया जा रहा है। हर ग्राम पंचायत के प्रत्येक गांव में जरूरतमंद लोगों को अनाज देने के लिए कम से कम एक क्विंटल अनाज अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश का कोई भी आदिवासी परिवार या कोई भी नागरिक घास खाने के लिए मजबूर नहीं है। प्रत्येक परिवार के लिए अनाज की पर्याप्त व्यवस्था है।

राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि जशपुर जिले के ग्राम लेदरापाठ निवासी श्री लम्बूराम की मृत्यु के मामले की जांच जशपुर के जिला कलेक्टर द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खाद्य अधिकारी और बगीचा तहसील के अनुविभागीय दण्डाधिकारी से कराई गई है। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि श्री लम्बूराम बीमार रहते थे। उनकी पत्नी के आंखों में तकलीफ थी, जिसके इलाज के लिए वह राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई आपात कालीन एम्बुलेंस सेवा ’संजीवनी 108’ एक्सप्रेस में उसे लेकर सन्ना स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 9 सितम्बर 2015 को आए थे।

वहां उनकी पत्नी को डॉक्टरों द्वारा दवाई और इंजेक्शन दिया गया। वे दूसरे दिन भी पत्नी को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सन्ना पहुंचे थे और उस दिन भी अस्पताल से दवाई और इंजेक्शन लेने के बाद चले गए थे। तीसरे दिन 11 सितम्बर को जब वे अपनी पत्नी को लेकर घर जा रहे थे, रास्ते में बारिश के कारण ग्राम खूटाटांगर के पास रूक गए थे, जहां अगले दिन सुबह श्री लम्बूराम की मृत्यु हो गई। श्री लम्बूराम ने अस्पताल के डॉक्टरों को अपनी बीमारी के बारे में नहीं बताया था। उनकी पत्नी के अनुसार मृत्यु से पहले श्री लम्बूराम के सीने में दर्द हुआ था।

 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जशपुर कलेक्टर को दी गई रिपोर्ट में बताया है कि मृतक श्री लम्बूराम को पत्नी के इलाज के दौरान सन्ना के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में नाश्ता और भोजन करते देखा गया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार उनकी मृत्यु किसी आंतरिक बीमारी अथवा अन्य कारणों से हुई है। राज्य सरकार के संसदीय सचिव और पत्थलगांव क्षेत्र के विधायक श्री शिवशंकर पैकरा तथा जशपुर के विधायक श्री राजशरण भगत सहित राज्यसभा सांसद श्री रणविजय सिंह जूदेव, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार राय और अन्य अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी विगत दिनों मृतक के परिजनों से मिलकर अपनी संवेदना प्रकट की और वस्तुस्थिति की जानकारी ली।

मृतक के भाई ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि लम्बूराम काफी समय से बीमार चल रहे थे। मृतक की पत्नी ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि उनके परिवार के पास ग्राम लेदरापाठ में पांच एकड़ शासकीय भूमि है, जिसे वे अन्य लोगों को अधबटाई पर खेती के लिए देते हैं। मृतक की माता को तीन सौ रूपए की वृद्धावस्था पेंशन भी मिलती है। हल्का पटवारी के अनुसार ग्राम चेपराकोना में श्री लम्बूराम और उनके दो भाईयों के नाम पर 2.25 एकड़ जमीन भी है। जशपुर जिला प्रशासन द्वारा मृतक की धर्मपत्नी श्रीमती सुखनी को आंखों के बेहतर इलाज के लिए शासकीय खर्च पर रांची (झारखण्ड) भेजा गया था, जहां इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई और वे अपने घर लौट आयी हैं।

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