डेकन हेराल्ड ———— आजमगढ़ (उत्तरप्रदेश ) ऑनलाइन से आकर्षित होकर 6 माह पहले मध्य- पूर्व के आतंकवादी से मिलकर 20 वर्षीय युवाओं के दल तुर्की होते हुए इस्लामिक स्टेट में सम्मिलित हुए थे । 12 वीं पास युवा इस्लामिक स्टेट में प्रवेश से पहले छोटे से व्यापा्री थे। यह भारत का सबसे पहला युवा है जो बिना किसी अपराध और आतंकवादी के सहयोग से इस्लामिक स्टेट में सीधा सम्मिलित हुआ है। ये 20 से अधिक युवा हैं जो इराक और सीरिया के सीमा पर इस्लामिक स्टेट के साथ -साथ लड़ने के लिये सम्मिलित हुए हैं ।
कार्यालय सूत्रों के अनुसार इस्लामिक स्टेट के कार्यशैली से ये युवा बहुत ही विचलित हो गए और घर वापस आना चाहते है।
हाल ही में इस्लामिक स्टेट के क्षेत्र पर पश्चिमी बमबारी से व्याकुल युवक अपने घरवालों से वापस करवाने की प्रयास करने को कहा है ।
परिवारवालों ने सुरक्षा एजेंसी से संपर्क किया है और एजेंसी युवाओं से संपर्क करने का प्रयास कर रही है। ये लोग इराक और सीरिया के सीमा पर इस्लामिक स्टेट के क्षेत्र में है।
युवकों को इस यात्रा में भारतीय मूल के यूनाइटेड अरब अमीरात में रहने वाले जो भारत और यूएई सुरक्षा एजेंसी के संपर्क में है , सहायता पहुँचाया गया था। दो युवा मुंबई के बाहरी कल्याण के है, एक ऑस्ट्रेलिया निवासी कश्मीरी और एक तेलंगाना , एक कर्नाटक और एक ओमनी भारतीय और दूसरा सिंगापुर में रहने वाले भारतीय है।
पिछले वर्ष भी 6 महीना इस्लामिक स्टेट में रहकर कल्याण का एक युवा वापस आया था।
6 भारतीयें इस्लामिक स्टेट के साथ -साथ लड़ रहे थे , उसमें से तीन इंडियन मुज्जाहिदीन आतंकवादी थे जो मारे गए। इनमें से दो महराष्ट्र और एक तेलंगाना के थें ।
15 सितम्बर को इस्लामिक स्टेट के होने के संदेह पर यूएई ने 4 भारतीयों को निर्वासित कर दिया।
पाक्षिक पूर्व यूएई ने इस्लामिक स्टेट के लिए चयनित करने वाली 37 वर्षीया अफशा जबीन और जोसफ को वापस भेज दिया है।
जनवरी में तुर्की होते हुए सीरिया के लिए दुबई के उड़ान पर जाने वाले हैदरबाद के मोहिउद्दीन को हवाई अड्डा से गिरफ्तार किया गया। अभी तक 17 युवाओ को इस्लामिक स्टेट में सम्मिलित होने से रोका गया है जिसमे अधिकांशत: तेलंगाना के है (हिंदी अंश)