• September 30, 2015

सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए कठोर कानून की जरूरत – श्री गुलाबचंद कटारिया , गृहमंत्री

सड़क दुर्घटनाएं रोकने  के लिए  कठोर कानून की जरूरत – श्री गुलाबचंद कटारिया , गृहमंत्री

जयपुुर -गृहमंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती तादाद पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून के साथ ही दुर्घटना के दोषी व्यक्तियों को उचित दण्ड / जुर्माने के प्रावधानों की जरूरत बताई।

श्री कटारिया मंगलवार को उदयपुर के टाउन हॉल परिसर में सड़क सुरक्षा जन जागृति अभियान के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष राज्य में 10 हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं राज्य की भयावह स्थिति को दर्शाती है। इन दुर्घटनाओं में कई परिवार उजड़ जाते है, बच्चे अनाथ हो जाते है। कई घरों की रोजी रोटी छिन जाती है। हमें दुर्घटनाओं के कारणों का व्यावहारिक हल निकालने के लिए साझा जिम्मेदारी का संकल्प लेने की आवश्यकता है।

श्री कटारिया ने कहा कि दुर्घटनाएं रोकने की दिशा में पुलिस एवं परिवहन विभाग को सख्ती से पेश आना होगा। लाइसेंस की सतत जांच, समय-समय पर लाइसेंस धारकों का स्वास्थ्य परीक्षण, ट्रायल, वाहनों की फिटनेस जांच आदि पर विशेष ध्यान देना होगा। कानून का उल्लंघन पाए जाने पर किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए।

उन्होंने हाइवे पर दुर्घटनाओं की अधिकता के मद्देनर समीपवर्ती गांवों के चिकित्सकों को मुख्यालय पर ही रहने की अनिवार्यता पर जोर दिया ताकि पीडि़तों को शीघ्र इलाज की सुविधा मिल सके। उन्होंने नई पीढ़ी से भी सुरक्षित यातायात में सहयोगी बनने की अपील की और कहा कि वे आमजन तक सुरक्षित यातायात का संदेश भी पहुंचायें।

समारोह में सांसद श्री अर्जुनलाल मीणा ने कहा कि दुर्घटनाओं का घनत्व ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है ऐसे में ग्रामीणों को शिक्षित एवं जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी लोक जागरूकता लाए जाने की बात कही। उन्होंने नशे की स्थिति में वाहन संचालन को रोकने के लिए पुलिस की सख्ती पर बल दिया।

मेयर श्री चन्द्रसिंह कोठारी ने हेलमेट की महत्ता प्रतिपादित करते हुए कहा कि इसके उपयोग से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बच सकती है। उन्होंने सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के उद्देश्यों को वर्षपर्यंत अमल में लाने की बात कही।

जिला कलक्टर श्री रोहित गुप्ता ने दुर्घटना के आंकड़ों की चर्चा करते हुए कहा कि देश में प्रतिदिन 400 व्यक्ति सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मृत्यु का शिकार हो जाते हैं जबकि यह संख्या राजस्थान में 28 प्रतिदिन है। सर्वाधिक 70 फीसदी दुर्घटनाएं गांवों में होती है। उन्होंने बताया कि जागरूकता अभियान के तहत पंचायत समिति मुख्यालय तक मोबाइल वाहन भेजे जाकर रिफ्लेक्टर्स लगाने का कार्य किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तत्काल प्राथमिक उपचार से मरने से बचाया जा सकता है, ऐसे में चाहिए कि कोई भी राहगीर बिना संकोच के उसे नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचाए। ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह से परेशान न करने की व्यवस्था सर्वोच्च न्यायालय ने दी है।

उदयपुर ऑटोमोबाइल्स डीलर्स एसोसिएशन एवं जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष श्री रोशनलाल जैन ने भी संबोधित किया। आरटीओ श्री मन्नालाल रावत ने स्वागत उद्बोधन में सप्ताह के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की टीमें बनाकर जागरूकता संदेश दिया जायेगा।

संकट मोचक योजना की शुरूआत :
इस मौके पर महत्वपूर्ण संकटमोचक योजना की शुरूआत की गई जिसमें दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सर्वप्रथम चिकित्सालय पहुंचाने वाले आमजन को प्रशस्ति पत्र् एवं 1100 रुपये नकद राशि से पुरस्कृत किया जायेगा। यह उदयपुर जिले की अभिनव योजना है। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के हर थाने पर इसकी सूचना दे दी गई है। ऐसे व्यक्ति का नाम, पता उस थाने पर दर्ज होगा, जिन्हें समय- समय पर पुरस्कृत किया जायेगा। यह रोटरी क्लब (मेवाड़) से प्रायोजित योजना है।

सड़क सुरक्षा पुस्तिका का विमोचन
इस अवसर पर सड़क सुरक्षा पुस्तिका एवं रोलिंग बोर्ड का विमोचन अतिथियों के हाथों हुआ। जिसे हिमांशु पब्लिकेशन एवं मुस्कान संस्थान की ओर से जनहित में जारी किया गया। समारोह में उपस्थित लोगों को सड़क सुरक्षा संबंधी शपथ दिलायी गई।

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