- September 23, 2015
राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की 13 वीं बैठक : केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की 13 वीं बैठक में केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना के विभिन्न पक्ष पर गहन विचार-विमर्श हुआ। बोर्ड के सदस्य विशेषज्ञों ने परियोजना से वन्य जीवन पर संभावित प्रभावों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जायेगा की वन्य-प्राणियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो। उनके रहवास पर किसी प्रकार का संकट नहीं आये और परियोजना से पर्यावरण को किसी प्रकार क़ी हानि नहीं हो। इसके लिए उन्होंने सभी ऐहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि केन-बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे की स्थिति समाप्त हो जायेगी। इससे 5.75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र मे सिंचाई होगी और करीब 14 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। बैठक में बोर्ड के सदस्यों की सहमति से केन-बेतवा प्रथम चरण की परियोजना पर सहमति एवं अनुमति लेने के लिए राष्ट्रीय वन्य-प्राणी बोर्ड को भेजने का फैसला लिया गया। बैठक में इन शर्तों पर सहमति बनी कि डूब प्रभावित कोर क्षेत्र के एवज में पूर्व की ओर अन्य वन क्षेत्र कोर के रूप में जोड़ा जायेगा। शामिल किये जाने वाले वन क्षेत्र में स्थित ग्रामों का पुनर्वास परियोजना व्यय पर किया जायेगा। कॉरीडोर के सुदृढ़ीकरण के लिए भारतीय वन्य-जीव संस्थान द्वारा लेण्ड स्केप मेनेजमेंट प्लानिंग की जायेगी। बाँध का निर्माण शीघ्र पूरा किया जायेगा तथा श्रमिकों को पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बाहर रखा जायेगा। बाँध निर्माण में उत्खनित सामग्री के अलावा अतिरिक्त निर्माण सामग्री की पूर्ति पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बाहर से होगी। गिद्धों के रहवास पर प्रभाव के मद्देनज़र परियोजना व्यय पर बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी द्वारा अध्ययन किया जायेगा। बाँध के नीचे केन नदी में इकोलॉजिकल फ्लो सुनिश्चित किया जायेगा। बैठक में वन मंत्री डॉ. गौरी शंकर शेजवार, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव वन श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री राधेश्याम जुलानिया, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन श्री रवि श्रीवास्तव, वन्य-प्राणी बोर्ड के सदस्य श्री एच.एस. पाबला, श्री रंजीत सिंह, श्री सुरेन्द्र तिवारी, श्री अभिलाष खांडेकर, सुश्री बेलिंडा राईट, बोटनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के संयुक्त संचालक श्री जी.पी.सिन्हा, विश्व प्रकृति निधि के श्री दीपंकर घोष, विधायक श्री सुदर्शन गुप्ता उपस्थित थे। देश में सबसे ज्यादा तेंदुए मप्र में इसके बाद बाघ संरक्षण की राज्य-स्तरीय स्टेटिंग समिति की पहली बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार के प्रयासों से वन्य-जीव संबंधी अपराध कम हुए हैं। हाल की वन्य-जीव गणना में तेंदुओं की संख्या 1817 पाई गयी, जो देश में सबसे ज्यादा है। बैठक की अध्यक्षता वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने की। |