सिविल सर्जन को पत्र जारी कर डेंगू से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश

सिविल सर्जन को पत्र जारी कर डेंगू से बचाव  के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश

रायपुर —                   स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जन को पत्र जारी कर डेंगू से बचाव  के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए है। लोगों को डेंगू से डरने के बजाय इसकी समूचित इलाज स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में ही कराने की अपील की है। अधिकारियों को शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास, नगर-निगम, नगर-पालिका के साथ अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने डेंगू के रोकथाम के लिए विशेष ऐहतियात बरतने के निर्देश दिये थे।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डेंगू जांच एवं उपचार के लिए राज्य में चार सेंटीनल साईट स्थापित किए गए है । इसमें पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर, मेडिकल कॉलेज जगदलपुर, जिला अस्पताल बिलासपुर और जिला अस्पताल अंबिकापुर में सेंटीनल साईट स्थापित किया गया है। यहां डेंगू जांच व उपचार किट सहित इलाज की  समूचित सुविधा उपलब्ध है।

अधिकारियों ने बताया कि  किसी व्यक्ति को कम से कम 10 दिनों तक तेज बुखार, ऑखो के पिछले हिस्से मे तेज दर्द, पेट दर्द, नाक से खुन आना, उल्टी तथा शरीर पर लाल दाने उभरना, कमजोरी लगना, दस्त लगना, चक्कर आना, भूख न लगना के लक्षण दिखे तो टेस्ट अवश्य करा लेना चाहिए। टेस्ट की रिपोर्ट 24 घन्टे मे आ जाती है। ये टेस्ट खाली या भरे पेट मे भी कराया जा सकता है। संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री आर प्रसन्ना ने बताया कि कूलर, टायर, बोतले, गुलदस्ते, मनी प्लान्ट, नारियल की खोटली, मे ज्यादा दिनो तक पानी जमा न होने  दें । डंेगू के मच्छर दिन में ही काटते हैं । डेंगू एक बीमारी है जो एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है । शहरी क्षेत्रों में डेंगू के प्रकरण ज्यादा पाये जाते हैं ।

अधिकारियों ने बताया कि जिन्हें डेंगू के लक्षण हैं उन्हें तत्काल शासकीय चिकित्सालय में समुचित उपचार अवश्य कराना चाहिए । डेंगू का ईलाज आम तौर पर चिकित्सीय प्रक्रिया से किया जाता है । डेंगू पीड़ित व्यक्ति का रक्त में प्लेटलेस की संख्या बहुत कम हो जाने पर या रक्त स्त्राव शुरू होने पर रक्त चढ़ाना पड़ सकता है । डेंगू के लक्षण होने पर तत्काल शासकीय चिकित्सालय से ईलाज कराना चाहिये । डेंगू के लक्षण या शंका होने पर टोल फ्री नंबर 104 डॉयल कर डॉक्टरों  से परामर्श लिया जा सकता है ।

अधिकारियों ने डेंगू की रोकथाम के लिये उपाय बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम डेंगू के मच्छरों के काटने से बचना चाहिये तथा इन मच्छरों को फैलने से रोकना चाहिए। यह मच्छर दिन में काटते हैं । अतः लोगों को पूरे वस्त्र पहन कर तथा मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए । मच्छरों के नियंत्रण करने के लिए सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों को बढ़ने से रोकना है । इसके लिए लार्वा व व्यस्क मच्छरों की आबादी पर नियंत्रण करना चाहिए । एडिस मच्छर कृृत्रिम जल संग्रह पात्रों में पनपते हैं । टायर, कूलर, बोतलें, गुलदस्ते आदि जल पात्रों को साफ-सुथरा तथा खाली रखना चाहिए। यह लार्वा नियंत्रण का बेहतर तरीका है इससे डेंगू फैलने से रोका जा सकता है।

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