- August 11, 2015
सौर ऊर्जा : ग्रिड सब-स्टेशन बनाए जाएं — मुख्यमंत्री
जयपुर -मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि राजस्थान में सौर ऊर्जा की विपुल संभावनाओं को देखते हुए यहां विकसित किए जा रहे सोलर पार्कों से सौर ऊर्जा की निकासी के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के अन्तर्गत नए ग्रिड सब-स्टेशन स्थापित किए जाने चाहिए।
श्रीमती राजे ने सोमवार को नई दिल्ली के श्रम शक्ति भवन में केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री पीयूष गोयल के साथ राज्य की ऊर्जा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, इसलिए उत्पादित सौर ऊर्जा के ट्रांसमिशन के लिए ”ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर’ के अंतर्गत राज्य में कम से कम पांच नये 765 के.वी. और 400 के.वी के सब ग्रिड स्टेशन स्थापित किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान निकट भविष्य में सौर ऊर्जा को अन्य राज्यों को निर्यात करने की क्षमता प्राप्त कर लेगा, इसलिए उत्पादित ऊर्जा के अन्य राज्यों में ट्रांसमिशन की व्यवस्था को भी मजबूत करने की जरूरत हैै। उन्होंने कहा कि राज्य में सोलर पावर प्लांट स्थापित करने में नौ से बारह माह का समय लग रहा है, जबकि उन संयत्रों से उत्पादित विद्युत की निकासी के लिए ट्रांसमिशन क्षमता विकसित होने में 18 से 30 माह लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा की निकासी के लिए ट्रांसमिशन क्षमता शीघ्रता से विकसित करने के लिए पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को निर्देश दिए जाएं।
श्रीमती राजे ने ”दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ के अन्तर्गत 2381 करोड़ रुपये की राशि मंजूर करने के लिए केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस राशि से राज्य में विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय जरूरतों की पूर्ति में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के 100 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य में बेहतर योगदान करने एवं राज्य में 25 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014 बनाई गई है। इस नीति के अन्तर्गत निवेशकों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही राज्य में भूमि अधिग्रहण को और अधिक आसान बनाया गया है और किसानों को अपनी भूमि बिना स्थानान्तरण के सीधे ही सौर ऊर्जा क्षेत्र की निवेशक फर्मो को सब-लीज पर प्रदान करने की सुविधा प्रदान की जा रही है।
श्रीमती राजे ने बताया कि राज्य सरकार राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014 के तहत अब तक 26 हजार मेगावाट के सोलर पार्कों के लिए संयुक्त उद्यम समझौते एवं 14 हजार मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से आदर्श भौगोलिक परिस्थिति वाला राज्य है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय को पहल कर एनटीपीसी जैसी बिजली कम्पनियों को राजस्थान में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे एक ओर जहां भारत सरकार द्वारा निर्धारित ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा, वहीं देश में नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन एवं खपत को भी बढ़ावा मिलेगा।
श्रीमती राजे ने बैठक में राजस्थान की बिजली कंपनियों की माली हालत सुधारने, उनकी पुर्नसंरचना और सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय पैकेज दिलवाने का आग्रह भी किया। साथ ही ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए और अधिक केंद्रीय मदद दिलवाने पर जोर दिया।
बैठक में मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, प्रमुख वित्त सचिव श्री पी.एस मेहरा, प्रमुख ऊर्जा सचिव श्री संजय मल्होत्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने दिया मदद का भरोसा
बैठक में केंन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि उनका मंत्रालय राज्य की महत्वाकांक्षी ऊर्जा परियोजनाओं को समयबद्घ ढंग से पूरा करवाने के लिए राज्य सरकार को हर संभव मदद प्रदान करेगा।
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