- August 10, 2015
रिक्त स्थान पर स्थापित सौर संयंत्र से बिजली उत्पादन को बढ़ावा
प्रदेश में विभिन्न शासकीय, संस्थागत, औद्योगिक एवं निजी क्षेत्रों में स्वयं के परिसर में रूफ टॉप अथवा अन्य रिक्त स्थान पर स्थापित सौर संयंत्र से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये नेट मीटरिंग संबंधी नीति एवं नियमन लागू होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस सब के लिये ऊर्जा विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
राज्य में नेट मीटरिंग नीति लागू होने के बाद कोई उपयोगकर्ता व्यक्ति अथवा संस्था स्वयं के परिसर में स्थापित किये गये सौर संयंत्र को नेट मीटरिंग प्रणाली के अंतर्गत विद्युत वितरण कम्पनी की ग्रिड से जोड़ सकेगा। सौर संयंत्र से उत्पादित विद्युत के ग्रिड में निर्यात के लिये निर्यात मीटर एवं ग्रिड से खपत नापने के लिये आयात मीटर लगाये जायेंगे।
उपभोक्ता को इन दोनों मीटर के अंतर की गणना के अनुसार बिजली बिल जमा करने की सुविधा होगी। संस्थान एवं उपयोग करने वाला व्यक्ति अपने सौर संयंत्र से उत्पादित बिजली का स्वयं उपयोग करने के बाद सरप्लस बिजली को ग्रिड में निर्यात कर सकेगा। संस्थागत क्षेत्र में अवकाश के दिनों में उत्पादित पूरी बिजली निर्यात ग्रिड में दी जा सकेगी।