- June 30, 2015
शिमला शहर के लिए 643 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजना मंजूर
हिमाचल प्रदेश – मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां कहा कि केन्द्र सरकार ने शिमला शहर के लिए विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से निर्मित होने वाली पेयजल आपूर्ति परियोजना को मंजूरी प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि 643.05 करोड़ रुपये की इस परियोजना से न केवल शिमला शहर के नगर निगम के तहत आने वाले क्षेत्रों बल्कि विशेष योजना क्षेत्र (एसपीए) और शिमला के उप-नगरों के निवासियों को भी पेयजल की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
इस परियोजना को केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में आयोजित बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य) श्री पी.सी. धीमान और प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना के तहत कोल बांध से शिमला शहर के लिए अतिरिक्त पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।
परियोजना के पूर्ण होने से शिमला शहर की सघन और तेजी से बढ़ती आबादी की पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकेगी। उन्होंने कहा कि पेयजल के व्यर्थ बहाव और रिसाव पर रोक लगाते हुए शहर की पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में प्रत्येक घर को सीवरेज व्यवस्था से जोड़कर, नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के निर्माण, पहले से मौजूद ट्रीटमेंट प्लांट में सुधार और सीवरेज लाइनों के कायाकल्प से शहर की सफाई-व्यवस्था में व्यापक सुधार सुनिश्चित होगा।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि परियोजना तीन स्तरों पर कार्यान्वित की जाएगी, जिसमें कोल बांध से पानी शिमला तक उठाया जाएगा, शहर की पेयजल वितरण व्यवस्था का पुनरुद्धार किया जाएगा और शहर की सीवरेज व्यवस्था का भी कायाकल्प शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए विश्व बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार से गंभीरतापूर्वक मामला उठाया था।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना के लिए विश्व बैंक से प्रदेश को 514 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी और 129 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार आगामी तीन सालों में खर्च करेगी। शहरी विकास मंत्री श्री सुधीर शर्मा ने भी प्रदेश के लिए इस महत्वपूर्ण परियोजना की मंजूरी पर प्रसन्नता जताई है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से शिमला शहर जो राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ एक विश्व विख्यात पर्यटन स्थल भी है, के लिए निर्बाद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। श्री शर्मा ने कहा कि इस परियोजना से भण्डारण क्षमता बढ़ने के साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के तकनीकी स्तरोन्नयन में भी मदद मिलेगी।