- June 24, 2015
बलात्कार, हत्या, अवैध खनन, स्मैक तस्करी
उत्तर प्रदेश : – प्रदेश सरकार करोड़ों रूपयों के विज्ञापन छपवाकर प्रदेश में कानून व्यवस्था के दुरूस्त होने का दावा कर रही है। लेकिन सच्चाई इसके ठीक विपरीत है। मसलन : –
1- बलात्कार, हत्या, अवैध खनन, स्मैक तस्करी के आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के इशारे पर पत्रकार जगेन्द्र सिंह को जिंदा जला दिया जाना। मुख्यमंत्री द्वारा नामजद अभियुक्त होने के बावजूद उनके पक्ष में खड़ा होकर गिरफ्तारी न होने देना। व उनके एक मंत्री द्वारा पत्रकार की हत्या को विधि का विधान बताना।
2- बहराइच के गौरा गांव में आरटीआई कार्यकता गुरू प्रसाद शुक्ला को पुलिस सरंक्षण में ग्राम प्रधान व दबंगों द्वारा लाठी-डंडे से पीटकर मार दिया जाना।
3- बेसिक शिक्षा व बालपुष्टाहार मंत्री कैलाश चैरसिया द्वारा आरटीओ चुन्नीलाल पर थप्पड़ तानकर उन्हें मारकर गंगा में फेंकने की धमकी देना।
4- कानपुर में पत्रकार दीपक मिश्र पर गोलीबारी की घटना।
5- पीलीभीत में पत्रकार हैदर को पीटने के बाद मोटर साइकिल में बांधकर घसीटकर अधमरा कर देने की घटना।
6- जगेन्द्र हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ऐसी घटनाओं को राज्य में विकास के माहौल, फिल्मों की शूटिंग जैसे विकासवादी प्रोजेक्ट को बदनाम करने की साजिश कहते हुए सूबे में सपा जिलाध्यक्षों की दुष्प्रचार टीम गठित करना।
7- बांदा के सपहाई गुरौली के किसान देवी दयाल को चारपाई में बांधकर जिंदा जला देने वालों को सपा नेताओं द्वारा संरक्षण देना।
8- शाहजहांपुर जिले में जलालाबाद के गांव बड़ेगांव हरेवा में पांच दलित महिलाओं को गांव के दबंगों द्वारा गांव में निर्वस्त कर घुमाया जाना।
9- गोरखपुर में सपा विधायक राजमति निषाद के बेटे द्वारा अवैध पंचायत लगाकर प्रेमी युगल के मुंह पर कालिख पोतकर घुमाया जाना।
10- सीतापुर में छात्रा के साथ गैंग रेप में सपा जिला पंचायत सदस्य का शामिल पाया जाना।
11- कुशीनगर में आगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा का दबंगों द्वारा बाल काटा जाना।
12- झांसी के मोंठ इलाके के अहरौली गांव की आदिवासी महिला के साथ बलात्कार और द्वारा पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार किया जाना।
13- महराजगंज के डिप्टी जेलर डीएन गुप्ता द्वारा विदेशी महिला के साथ तीन महीने तक बलात्कार किया जाना।
14- झांसी के बंगरा ब्लाक के सेकरा गांव की पिछड़ी जाति की महिला के चारपाई पर बैठने पर दबंगों द्वारा महिला समेत सास-ससुर को पंचायत में जूते से पीटा जाना। रक्सा के सारमऊ गांव में दबंगों द्वारा सरिया से पीटने के बाद गर्भवति दलित महिला के साथ बलात्कार की कोशिश। रक्सा में ही दबंगों द्वारा युवक के प्राइवेट पार्ट पर कपड़ा बांधकर आग लगाना व मलमूत्र खिलाया जाना। जलौन में ऊंची जाति के लोगों के साथ खाने की पांत में बैठने को अपनी शान के खिलाफ कहते हुए दलित अशोक दोहरे की नाक काट देना।
सिमरधा गांव में दबंगों द्वारा दलितों के परिवार को घर से भगा दिए जाने के बाद उनका जंगल में शरण लिया जाना। सीपरी बाजार के गांव में दलित युवक को बंधक बनाकर पीटना व जानवरों का इंजेक्शन लगा दिया जाना।
15- ललितपुर के सौजना थाने के गौना कुरुमाड़ में चारपाई पर बैठने पर दबंग जाति के लोगों द्वारा महिला को जूते और लाठी-डंडे से पीटा जाना।
16- वाराणसी में सामने घाट की 14 वर्षीय दलित लड़की को पिछले एक महीने से मकान मालिक द्वारा अगवा करने के बावजूद स्थानीय थानेदार रमेश यादव द्वारा मुकदमा दर्ज न करना।
17- 100 तो कभी 1090 का विज्ञापन करने वाली सरकार के प्रदेश की राजधानी में लड़कियों की अश्लील तस्वीरें खींचकर ब्लैकमेल करने वाले गैंग में क्राइम ब्रांच पुलिस की संलिप्तता का पाया जाना।
18- सोनभद्र में 40 हजार करोड़ रुपए की 1 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को बाहर से आए रसूखदारों या उनकी संस्थाओं को अवैध तरीके से आवंटित कर दिया जाना।
19- कनहर परियोजना से प्रभावित गांवों के लोगों द्वारा अपने अधिकारों की मांग करने पर उनका पुलिसिया दमन किया जाना।
20- विद्युत नियामक आयोग की शह पर जेपी समूह तथा अन्य निजी बिजली उत्पादन कंपनियों द्वारा किया गया 30 हजार करोड़ रुपए का बिजली घोटला। जिसपर अदालत के निर्देश के बावजूद जेपी समूह पर कार्रवाई न किया जाना।
21- प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा रहते बोर्ड परीक्षाओं में नकल माफियाओं पर कार्रवाई करने वाले आईएएस सूर्य प्रताप सिंह को नकल माफियाओं के दबाव में अखिलेश सरकार द्वारा पद से हटाया जाना। तथा प्रतापगढ़ सहित कई जिलों में हुए चेक डैम निर्माण घोटाले की जांच में तेजी लाने पर उनसे प्रमुख
सचिव लघु सिचाई का कार्यभार छीना जाना।
22- एनएचआरएम घोटाले के गवाहों द्वारा घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले तत्तकालीन सरकार के करीबी आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल का नाम लिए जाने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई न किया जाना और उन्हें सपा सरकार में भी महत्वपूर्ण पदों पर रखा जाना।
23- सूबे में अवैध खनन के आरोपी कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा एक साल पहले अवैध खनन के आरोप में सस्पेंड इलाहाबाद के खनन अधिकारी मोहम्मद महबूब खान को 2014-2015 का अधिक खनन राजस्व वसूलने का पुरस्कार दिया जाना।
24- झांसी के टहरौली के तहसीलदार गुलाब सिंह को अवैध खनन में लिप्त ट्रैक्टर पकड़ने के बाद सपा राज्य सभा सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव द्वारा धमकी दिए जाना तथा गुलाब सिंह का तबादला किया जाना।
25- बिजनौर में एसपी अखिलेश कुमार द्वारा खनन रोकने पर उनका तबादला किया जाना।
26- बजाज, बिरला, मोदी ग्रुप, पोंटी चड्ढा के वेब ग्रुप, डालमियां समेत कई कारपोरेट घरानों द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों का 6 हजार करोड़ रुपया बकाया रखना।
27- उन्नाव में जब 23 से अधिक किसानों की आत्महत्या व दिल का दौरा पड़ने से मौत हो रही थी तब मुख्यमंत्री द्वारा फिल्म सिटी के नाम पर 300 एकड़, ट्रास गंगा सिटी के नाम पर 1100 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की नीति को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट कह कर पीडि़त जनता के जख्मों पर नमक छिड़का
जाना।
28- सपा द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में भूमि अधिग्रहण पर 6 गुना से अधिक मुआवजा देने की घोषणा के बावजूद सरकार में आने के बाद 4 गुना अधिकतम मुआवजा दने की बात कहते हुए जगह-जगह 2 गुने से भी कम मुआवजा दिया जाना।
29- 500 से अधिक किसानों द्वारा मार्च-अपै्रल महीने में दिल का दौरा व आत्महत्या के कारण मौत के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा मात्र 42 किसानों को मुआवजा दिया जाना।
30- हाशिमपुरा जनसंहार मामले में दोषी पुलिस वालों के खिलाफ एसआईटी से जांच न करवाकर मुआवजे के नाम पर इंसाफ का कत्ल करने की कोशिश किया जाना।
31- तारिक कासमी जिन्हें आरडी निमेष आयोग बेगुनाह कह चुका है को आजीवन कारावास देने वाले जज द्वारा कहा जाना कि ‘नौकरी करना है इसलिए दे रहा हूं ऐसा फैसला’।
32- राष्ट्र रक्षा युवा वाहिनी व अन्य हिन्दुत्ववादी सांप्रदायिक तत्वों द्वारा वाट्सऐप, फेसबुक सोशल नेटवर्किंग माध्यम से हिंसक सांप्रदायिक गतिविधियों व भावनाओं को भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई न किया जाना।
33- सांप्रदायिकता भड़काने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई न करके उनके मनोबल को लगातार बढ़ाने की कोशिश, जिसका परिणाम सूबे में जगह-जगह सांप्रदायिक तनाव का पैदा होना तथा ईसाई समुदाय के चर्चों पर हमला करने वालों को बचाया जाना। पीलीभीत के कलिनगर कस्बे में 11 अपै्रल को
मुसलमानों की दुकानों को जलाने वाले नामजद भाजपा-लोजपा नेताओं को बचाया जाना।
34- सपा नेता शैलेन्द्र अग्रवाल के साथ मिलकर पूर्व पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा व एएल बनर्जी द्वारा पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग का कारोबार किया जाना।
35- पुलिस भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया में एक क्षेत्र व जाति विशेष के लोगों का भर्ती किया जाना।
36- यूपी पीसीएस 2015 की परीक्षा का पर्चा लीक होना।
37- राज्य लोकसेवा आयोग के भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधलियों का होना।
38- माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड, सहकारी संस्थागत सेवा मंडल समेत अधीनस्थ चयन आयोगों में पदों की खुलेआम बिक्री होना।
39- उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय से इन तीनों भाषाओं की अनिवार्यता समाप्त कर दिया जाना।
40- बिगड़ती कानून व्यवस्था, नियुक्तियों में धांधली, खनन लूट और भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में घिरी सपा सरकार द्वारा प्रदेश की राजधानी का धरना स्थल विधानभवन से दूर कर लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की कोशिश करना।
इन मुश्किल हालात में आपके इस मुहिम में शामिल होने से इंसाफ की लड़ाई को मजबूती मिलेगी। इसी उम्मीद के साथ आपातकाल की बरसी की पूर्वसंध्या पर आयोजित धरने में हम आपको आमंत्रित कर रहे हैं।
पत्रकार जगेन्द्र के इंसाफ, यूपी में पत्रकारों, आरटीआई कार्यकर्ताओं,महिलाओं, दलितों व आमजन पर सरकारी हमले के खिलाफ आपातकाल की बरसी की पूर्व संध्या पर धरना 25 जून 2015, गुरुवार, शाम 4 बजे गांधी प्रतिमा के सामने, जीपीओ हजरतगंज, लखनऊ राजीव यादव, शाहनवाज आलम, आदियोग, हरेराम मिश्र, मो0 शुऐब, अनिल यादव,रामकृष्ण, अखिलेश सक्सेना, आरिफ, तैयब बारी खान, राघवेंद्र सिंह, ज्योति राय, लक्ष्मण प्रसाद, तारिक शफीक, मसीहुद्दीन संजरी।
रिहाई मंचः
कार्यालय – 110/46, हरिनाथ बनर्जी
स्ट्रीट , नया गाओन (पूर्व) लटौची रोड ,लखनऊ
Road, Lucknow