- June 20, 2015
ब्रह्मपुत्र बोर्ड को नया रूप देने के लिए विधेयक पेश करने पर विचार
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि ब्रह्मपुत्र बोर्ड को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए उनका मंत्रालय संसद के आगमी सत्र में एक विधेयक पेश करने का विचार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड को पूर्वोत्तर ब्रह्मुपुत्र नदी संरक्षण प्राधिकरण (नेब्रा) में नया स्वरूप देने का विचार इसलिए किया गया कि पूर्वोत्तर राज्यों ने ब्रह्मपुत्र बोर्ड के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया था।
इस संबंध में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी। सुश्री भारती आज यहां ब्रह्मपुत्र नदी से संबंधित उच्च अधिकार प्राप्त समीक्षा बोर्ड की 8वीं बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उल्लेखनीय है कि बोर्ड के क्षेत्राधिकार में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र शामिल हैं।
सुश्री उमा भारती ने कहा कि उनका मंत्रालय गंगा की तरह ही ब्रह्मपुत्र नदी पर भी ध्यान केन्द्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण उपायों, बिजली उत्पादन और भंडारण क्षमता निर्माण के संबंध में समग्र विकास के लिए काम किया जा रहा है। इस संबंध में पूर्वोत्तर राज्यों की चिंताओं से वित्त मंत्रालय और नीति आयोग को अवगत कराया जाएगा।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई ने कहा कि उनका राज्य समग्र जल संसाधन विकास जैसे उद्देश्यों के लिए नेब्रा को नया रूप प्रदान करने का अभिलाषी है। अरुणाचल प्रदेश के जल संसाधन मंत्री कामलुंग मोसांग ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए निधियों को 90:10 के अनुपात में वहन किया जाएगा।