- June 5, 2015
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की बकाया राशि जल्द जारी हो – मुख्यमंत्री
जयपुर – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती से भेंट की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि केंद्र प्रवर्तित एवं अन्य योजनाओं के अन्तर्गत केंद्र में राज्य की बकाया राशि जल्द जारी करवाई जाए।
श्रीमती राजे ने केन्द्रीय मंत्री से राज्य की सिंचाई एवं पेयजल परियोजनाओं की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने आग्रह किया कि 13वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राजस्थान को अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए वर्ष 2011-15 के दौरान दिये गये 300 करोड़ रुपये अनुदान की शेष 35.58 करोड़ रुपये राशि जल्द जारी की जाए। साथ ही केन्द्र प्रवर्तित ‘रिपेयर रिनोवेशन रेस्टोरेशनÓ योजना के लिए पूर्व में अनुमोदित अनुदान के शेष 3.40 करोड़ रुपये भी जारी करवाये जायें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान सरकार ने बारां एवं भरतपुर जिले में बाढ़ नियंत्रण योजना के लिए 125.16 करोड़ एवं 67.68 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता से सम्बन्धित प्रस्ताव गंगा बाढ़ नियंत्रण कमीशन के समक्ष भेजा है। उन्होंने आग्रह किया कि राजस्थान को गंगा बाढ़ नियंत्रण कमीशन सेे 96.42 करोड़ रुपये की प्रारंभिक सहायता शीघ्र दिलवाई जाए।
श्रीमती राजे ने नर्मदा नहर परियोजना और गंगा नहर परियोजना के आधुनिकीकरण के लिए बकाया 621.528 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता जल्द जारी करने का आग्रह भी किया। साथ ही इंदिरा गांधी नहर की राजस्थान फीडर एवं पंजाब में सरहिंद फीडर की रिअलाइनिंग के लिए पंजाब सरकार को निर्देशित करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी की प्रस्तावित फेज-2 परियोजना में ”राजस्थान वॉटर सेक्टर लाइवलीहुड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट’ के तहत राज्य के 25 जिलों में 433 सिंचाई उपपरियोनाओं के पुनर्निर्माण एवं नवीनीकरण का कार्य प्रस्तावित है, जिसकी अनुमानित लागत 3 हजार 461 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को भी शीघ्र अनुमोदित करवाया जाए।
श्रीमती राजे ने रावी-व्यास के पानी में राजस्थान के हिस्से के 0.60 एम.ए.एफ अधिशेष जल को पंजाब से दिलवाने में मदद करने को कहा। इससे राज्य में सिंचाई समस्याओं का बेहतर ढंग से हल किया जा सकेगा। उन्होंने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में विशेष बैच के माध्यम से हल करवाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने यमुना जल में राजस्थान के हिस्से का मामला उठाते हुए आग्रह किया कि केन्द्र सरकार राजस्थान के लिए ताजेवाला से उपर यमुना नदी बोर्ड द्वारा निर्धारित जल आवंटन के लिए हरियाणा को राजस्थान के साथ समझौते के लिए सहमत करें। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से हरिके बांध पर इंदिरा गांधी फीडर के हैड रेगुलेटरों की क्षमता बढ़वाने का आग्रह भी किया।
राजस्थान भू-गत जल विभाग द्वारा सरस्वती नदी परियोजना के लिए करवाए गए अध्ययनों की रिपोर्ट केन्द्र को भिजवाने की जानकारी देते हुए श्रीमती राजे ने इस परियोजना की मंजूरी एवं इसके लिए 6867.51 लाख की राशि प्रदान करने का आग्रह भी किया। उन्होंने भाखड़ा नहर सिंचाई परियोजना एवं गंगा नहर परियोजना फेज-2 के लिए भी आवश्यक निवेश मंजूर करने का आग्रह किया।
राजस्थान को मिलेगा उसका नैसर्गिक अधिकार
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि राजस्थान जल की दृष्टि से देश का सर्वाधिक वंचित प्रदेश है। केंद्र सरकार अन्य राज्यों को मदद करने के साथ ही राजस्थान को सर्वाेच्च प्राथमिकता के आधार पर हर संभव मदद प्रदान करेगी। राजस्थान की विकट परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह इस राज्य का नैसर्गिक अधिकार है।
श्रीमती राजे ने केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बैठक में राजस्थान की सिंचाई एवं पेयजल परियोजनाओं से सम्बंधित समस्याओं पर केंद्रीय मंत्री से लम्बी चर्चा हुई है और आशा है कि केंद्र सरकार से राज्य को वांछित सहयोग एवं सहायता उपलब्ध होगी। बैठक में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री प्रो. सांवरलाल जाट और मुख्यमंत्री के सचिव (द्वितीय) श्री टी. रविकांत एवं केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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