- June 5, 2015
पेयजल आपूर्ति योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट समय पर तैयार करें अधिकारी: श्रीमती स्टोक्स
हिमाचल प्रदेश – सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जल आपूर्ति योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट निर्धारित समय के भीतर तैयार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि शेष बची बस्तियों को शीघ्र पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। श्रीमती स्टोक्स आज यहां सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 के लिए निर्धारित लक्ष्य व उपलब्धियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने गत वित्त वर्ष के दौरान विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
श्रीमती विद्या स्टोक्स ने कहा कि प्रदेश सरकार शेष बची सभी बस्तियों में निर्धारित समय के भीतर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के प्रति वचनबद्ध है, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वर्तमान पेयजल योजनाओं में जल की गुणवत्ता में सुधार लाने को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी पेयजल योजनाओं में सही प्रशोधन इकाईयां स्थापित करने का निर्णय लिया गया है और आगामी तीन वर्षों के दौरान 512 पेयजल योजनाओं इकाईयों की मुरम्मत व इनमें फिल्टर बैड स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा 20 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
श्रीमती स्टोक्स ने ऐसी योजनाओं जिनका 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक लोग पेयजल सुविधा से लाभान्वित हो सकें। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा वर्ष 2014-15 के दौरान कि लघु सिंचाई योजनाओं के तहत 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के मुकाबले विभाग द्वारा 3520.30 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा के अधीन लाया गया है, जबकि 584 हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ नियंत्रण के अंतर्गत लाया गया है।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर के लिए कौल डैम से पेयजल आपूर्ति की योजना विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसके अंतर्गत पेयजल वितरण प्रणाली व सीवरेज नेटवर्क के संवर्द्धन के साथ-साथ शिमला शहर के साथ लगते क्षेत्रों को भी पेयजल सुविधा भी उपलब्ध होगी। इस पर 643.5 करोड़ रुपये की अनुमाति राशि खर्च होने का अनुमान है।
इस परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। श्रीमती स्टोक्स ने कहा कि गत वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति पर 17762.26 लाख रुपये व्यय किए गए, जबकि शहरी पेयजल आपूर्ति पर 1255.44 लाख रुपये व्यय किए गए। उन्होने कहा कि इसके अतिरिक्त सिंचाई क्षेत्र पर 15135.78 लाख रुपये और कमांड क्षेत्र विकास पर 2471 लाख रुपये व्यय किए गए। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.सी. धीमान ने कार्यवाही का संचालन किया। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के इंजिनियर इन चीफ श्री आर.के. कंवर, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।