- May 26, 2015
अति-कुपोषण :: एसीएफ इन्टरनेशनल के साथ एमओयू
जयपुर – प्रदेश में अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिये किये जा रहे विशेष प्रयासों के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एसीएफ इन्टरनेशनल के मध्य एमओयू पर सोमवार को मध्याहृन स्वास्थ्य भवन में आयोजित कार्यक्रम में हस्ताक्षर किये गये।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री नवीन जैन एवं एसीएफ इन्टरनेशनल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राजीव टण्डन ने 5 जिलों के 10 हजार अति कुपोषित बच्चो को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
एमओयू के अनुसार एसीएफ इन्टरनेशनल 5 जिलों- उदयपुर, बांसवाड़ा, डंूगरपुर, बांरा एवं धौलपुर में 10 हजार कुपोषित बच्चों को समुचित आहार उपलब्ध कराने के साथ ही चिकित्साकर्मियों के प्रशिक्षण कार्यों में सहयोग करेगा। प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या लगभग 5 लाख है। इनमें से करीब 1.5 लाख बच्चे उच्च प्राथमिकता वाले 13 जिलो (3 आदिवासी जिलों सहित) के है।
श्री जैन ने बताया कि इस वर्ष के बजट में मुख्यमंत्री द्वारा कुपोषित उपचार केन्द्रों के दायरे से बाहर के अति-कुपोषित बच्चों के लिए समुदाय आधारित अति कुपोषित का प्रबंधन कार्यक्रम चलाने की घोषणा की गयी थी। इस कार्यक्रम के तहत चरणबद्घ रूप से 13 उच्च प्राथमिकता वाले तथा जनजातीय जिलों के 10 हजार बच्चों को जोड़ा जायेगा।
राज्य में 10 शैय्याओं वाले 40 कुपोषण उपचार केन्द्र एवं 6 शैय्याओं वाले 107 कुपोषण उपचार केन्द्र है। इन कुपोषण उपचार केन्द्रो पर वर्ष 2014-15 में 9 हजार 891 शिशुओं का उपचार किया गया है। प्रदेश के समस्त कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य सेवायें सुलभ कराने के लिये समुदाय आधारित रणनीति को अपनाने का निर्णय लिया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार समुदाय आधारित रणनीति के तहत बच्चों में व्याप्त गंभीर कुपोषण की जल्द से जल्द पहचान कर उनमें से चिकित्सीय जटिलता रहित बच्चों को तैयार आहार एवं अन्य उच्च पोषण युक्त खाद्य पदार्थ घर पर देकर उपचार किया जा सकता है। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार अस्पताल आधारित सेवा के साथ समन्वित कर हजारों अति-कुपोषित बच्चों की जान बचाई जा सकती है।
एसीएफ इन्टरनेशनल के डिप्टी कंट्री हैड श्री राजीव टंडन ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय संस्था एसीएफ कुपोषण मुक्त करने हेतु कार्य कर रही है। संस्था द्वारा बारां में कुपोषण जैसी जटिल समस्या के समाधान हेतु कार्य किया गया है।