- April 14, 2015
मध्यप्रदेश को पूरी तरह डिजिटल प्रदेश की ओर
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश को पूरी तरह डिजिटल प्रदेश बनाया जायेगा। उन्होने 120 नागरिक सेवाओं के लिए एम.पी. मोबाईल सेवा का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने ई-शक्ति और कर्मचारियों को डिजिटल रूप से दक्ष बनाने के लिए ई-दक्ष परियोजना और राज्य ई-मेल सेवा का भी शुभारंभ किया। उन्होंने 17 हजार 800 कर्मचारियों को ई-मेल से बधाई सन्देश भेजकर इसकी शुरुआत की। श्री चौहान आज यहाँ ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के ई-गवर्नेंस पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने नागरिक सेवाओं के प्रदाय को त्वरित और प्रभावी बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग और नवाचारी प्रयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आईटी का उपयोग कर लोक सेवाओं के प्रदाय में क्रांति की जा सकती है। श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र में प्रदेश को देश का उत्कृष्ट प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने लोगों पर विश्वास किया है। अब सिर्फ स्वयं प्रमाणित आय और निवास स्थान की जानकारी को मान्य किया गया है। उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर किसानों के लिए राज्य की ओर से नयी फसल बीमा योजना लागू करने पर विचार किया जा रहा है। किसानों की भी न्यूनतम आय या निश्चित आय होना चाहिए। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि वे इस सम्बन्ध में सुझाव दें। उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए कृषक कल्याण कोष की भी स्थापना होना चाहिए, ताकि किसानों को नुकसान की तत्काल भरपाई की जा सके। मुख्यमंत्री ने सभी पुरस्कार विजेताओं, विभागों और संस्थाओं को बधाई दी और इस पहल के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को भी बधाई दी। विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सुशासन ही प्रजातंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग से ही सुशासन स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में प्रतिभाओं का उत्कृष्ट और सकारात्मक उपयोग हो रहा है। नई प्रतिभाओं को प्रदेश के विकास में काम करने के अवसर मिल रहे हैं। मुख्य सचिव श्री अंटोनी डि सा ने कहा कि प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब मेन्यूअल इंडिया से डिजिटल इंडिया बनने की यात्रा में प्रदेश ने भी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के बिना सुशासन की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश ई-ट्रांजेक्शन में देश में पहले नम्बर पर है साथ ही ओपन डेटा पॉलिसी में भी पॉलिसी लागू करने में भी प्रदेश आगे है। महिलाओं को सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में सक्षम बनाने की ई-शक्ति परियोजना से अब तक एक लाख 60 हजार महिलाओं को प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया है। सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री हरिरंजन राव ने ई-गवर्नेंस पुरस्कारों की स्थापना और प्रक्रिया की जानकारी देते हुये कहा कि दस श्रेणियों में 189 नामांकन में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने के लिये दस सदस्यीय जूरी बनाई गई थी। इस साल से पुरस्कार की राशि भी दुगुनी कर दी गई। इन्हें मिला पुरस्कार मुख्यमंत्री ने लोक सेवा प्रदाय में सुधार के लिए श्रमायुक्त कार्यालय इंदौर के श्रम सेवा पोर्टल, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन सिस्टम के लिए उज्जैन के तत्कालीन आयुक्त श्री अरूण पांडे और कलेक्टर श्री बी.एम. शर्मा, जल संसाधन विभाग के अंतर्गत ‘इंटरप्राईज इन्फारमेशन मेनेजमेंट सिस्टम’, अशासकीय संस्था के रूप में इंदौर के ‘सिटीजन कॉप फाउंडेशन’, भोपाल के असर ग्रीन कबाड़ी प्राइवेट लिमिटेड, एम.पी.ऑनलाइन को पुरस्कृत किया गया। ई-गवर्नेंस में सूचना प्रौद्योगिकी के नवाचारी उपयोग के लिए ‘नवजात शिशुओं की देखभाल, डेटाबेस सुविधा के लिए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण और उनकी टीम, जिला निर्वाचन प्रबंधन के लिए तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम, एम.गवर्नेंस में उत्कृष्टता के लिए मण्डला जिले को ‘वात्सल्य मण्डला’ प्रोजेक्ट, ‘एम.पी. स्टेट एजुकेशन पोर्टल’ , शासकीय प्रक्रिया के सरलीकरण की श्रेणी में‘स्टूडेण्ट ट्रेकिंग इन्ट्रीग्रेटेड स्कॉलरशिप एवं बेनिफिट मेनेजमेंट सिस्टम’, अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा श्री एस.आर. मोहंती एवं श्रीमती रश्मि अरूण शमी को रनर अप के रूप मनरेगा में ऑडिट एवं वित्तीय प्रबंधन सिस्टम कलेक्टर मण्डला श्री लोकेश जाटव को ‘ज्ञानरंजन प्रोजेक्ट’ के लिए सम्मानित किया गया। श्रेष्ठ ई-गव्हर्नड जिला के रूप में खण्डवा जिले, रनर अप के रूप में देवास, सरकारी क्षेत्र में सस्टेनिबिलिटी ऑफ आई.टी. इनिशियेटिव में स्टेट फाइनेन्शियल मेनेजमेंट सिस्टम के लिए तथा वाणिज्यिक कर विभाग इंदौर के तत्कालीन कमिश्नर श्री अमित राठौर को पुरस्कृत किया गया। नगरीय क्षेत्र में श्रेष्ठ नागरिक सुविधा केंद्र संचालन के लिए मण्डला के अंजलि कम्प्यूटर ऑनलाइन सर्विस, हटा (दमोह) के माताजी इन्फारमेशन और सिवनी के के.के.कम्प्यूटर को पुरस्कार प्रदान किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में श्रेष्ठ नागरिक सुविधा केन्द्र सागर जिले के पटना बुजुर्ग के कॉमन सर्विस सेन्टर एवं चंदेरा के कॉमन सर्विस सेंटर और होशंगाबाद के केसला स्थित कॉमन सर्विस सेन्टर को पुरस्कार दिया गया। ई-गवर्नेंस चेंपियन के लिये समन्वित बाल-विकास सेवाएँ भोपाल के श्री महेन्द्र द्विवेदी, मध्यप्रदेश रोजगार गारंटी परिषद की श्रीमती प्रीति तिवारी एवं मनरेगा भोपाल के श्री ओवेस अहमद को दिया गया। इस श्रेणी में शासकीय हाई स्कूल गुनहरू मोहसाम के श्री पीयूष तिवारी को प्रोत्साहन पुरस्कार मिला। सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु आइडियल एकेडमी एवं किसान-कल्याण एवं कृषि विकास अंतर्गत जिला नीमच में पदस्थ डॉ. यतिन कुमार मेहता एवं उनकी टीम को ‘खेती रो ज्ञान प्रोजेक्ट’ के लिये पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में ई.एम.एस. ग्रुप के श्री सनत जैन को पुरस्कृत किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी मैप आई.टी. श्री एम. सेलवेन्द्रन ने आभार व्यक्त किया। |