- April 9, 2015
सार्क स्वास्थ्य मंत्रियों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की चुनौतियों पर दिल्ली घोषणा पत्र
सार्क देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की 5वीं बैठक आज नई दिल्ली में हुई, जिसमें सार्क स्वास्थ्य मंत्रियों ने ”सार्वजनिक स्वास्थ्य की चुनौतियों पर दिल्ली घोषणापत्र” को स्वीकार किया गया।
घोषणापत्र में कहा गया है कि प्रत्येक देश में खासतौर से उन देशों में जहां वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की कमी है, स्वास्थ्य प्रणालियों और प्रतिक्रिया तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। घोषणा पत्र में कुछ देशों में हाल ही में इबोला वायरस पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा किए गए समर्पित कार्य की चर्चा की गई है।
घोषणा पत्र में स्वास्थ्य और जनसंख्या गतिविधियों के बारे में तकनीकी समिति की 6 अप्रैल को हुई 5वीं बैठक में की गई सिफारिशों की चर्चा की गई है, जिसमें सार्क सदस्य देशों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था, जिसमें आधुनिक निगरानी प्रणाली के साथ रोग निरोधक टीकों के लिए उच्च गुणवत्ता टीकाकरण की जरूरत, तपेदिक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए कार्य, कीड़े मकौड़ों से होने वाली बीमारियों, हैपीटाइटिस बी और सी, गैर संचारी रोगों, मानसिक रोगों, अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों और संचारी रोगों की रोकथाम, एंटी-माइक्रोबायल प्रतिरोधक के खतरे की रोकथाम, दवाओं तक पहुंच प्रदान करने और स्वास्थ्य के लिए मानव संसाधनों की गुणवत्ता उपलब्धता बढ़ाने के बारे में चर्चा की गई है।
घोषणा-पत्र में 7 अप्रैल को हुई बैठक में एचआईवी/एड्स पर विशेषज्ञ समूह द्वारा की गई सिफारिशों की चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में स्वास्थ्य और जनसंख्या गतिविधियों के बारे में तकनीकी समिति तथा एचआईवी/एड्स पर विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया गया। घोषणा-पत्र में क्षेत्र से 2030 तक एड्स जैसी घातक बीमारी को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रयासों में तेज़ी लाने की ज़रूरत बताई गई है, जैसा कि 18वीं सार्क शिखर बैठक में प्रस्ताव किया गया था।
इस बात की चर्चा करते हुए कि पुरानी गैर संचारी बीमारियों के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में से 80 प्रतिशत विकासशील देशों में होती हैं, इसलिए गैर संचारी रोगों पर व्यापक उपाय करने की आवश्यकता है, सार्क सदस्य देशों ने इस प्रतिबद्धता को दोहराया है कि स्वास्थ्य मुद्दों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए वे मिलकर काम करेंगे। इसके अलावा पेंटावेलेंट वैक्सीन सहित सस्ते टीकों की उपलब्धता के लिए मिलकर सहयोग को मज़बूत बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है और सार्क क्षेत्र को पोलियो मुक्त बनाने की बात कही गई है।
घोषणा पत्र में विशेषज्ञों के दौरे को प्रोत्साहन देने, संगोष्ठियों का आयोजन, अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप के अंतर्गत परम्परागत दवाओं के बारे में पाठ्यक्रमों को बढ़ावा अथवा देश की सहायता से कार्यक्रमों, शैक्षणिक स्तर में सुधार, दवाओं की गुणवत्ता और मानकीकरण आश्वासन, औषधीय पौधों की उपलब्धता में सुधार, अनुसंधान और विकास, जागरूकता पैदा करने सहित दवाओं की परम्परागत प्रणाली के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई है।