- February 17, 2015
नई स्कीमों के जरिए महिला अधिकारों की रक्षा करेगा -मंत्री श्री वेंकैया नायडु
नई दिल्ली – शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री वेंकैया नायडु ने कहा कि केन्द्र सरकार देश के सभी शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की दिशा में कार्यरत है। इससे ‘engendered cities’ को विकसित करने के लिए शहरी योजना बनाने में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
आज यहां ‘महिला मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता और शहरी गरीबी’ पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री नायडु ने शहरी नीतियां और कार्यक्रम बनाने में लिंग समानता दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर बल दिया। इस सम्मेलन का आयोजन आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय और इंग्लैंड की डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेवलप्मेंट(डीएफआईडी) ने संयुक्त रूप से किया है।
श्री नायडु ने कहा कि उनका मंत्रालय पहले से ही राज्यों से संविधान संशोधन के जरिए महिलाओं को शहरी स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विचार विमर्श कर रहा है। संसद और राज्य विधानमंडलों में महिलाओं को आरक्षण की जरूरत के संदर्भ में श्री नायडु ने कहा कि केन्द्र सरकार इस सिलसिले में आमसहमति बनाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को शहरी असमानताओं की मार ज्यादा झेलनी पड़ती है और उन्हें रोजगार सुरक्षा, वेतन समानता, ऋण सुविधा, अनुकूल कार्यस्थल, सुरक्षित पेयजल, शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य आदि मामलों में कहीं ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। श्री नायडु ने शहरी नीतियों को महिलओं की दृष्टिकोण से तैयार करने के जरूरत बल दिया।
केन्द्र सरकार की महिलाओं के प्रति संवेदना उपायों का जिक्र करते हुए श्री नायडु ने कहा कि ‘सभी को आवास’ कार्यक्रम के तहत आवासों पर संयुक्त मालिकाना हक दिया जाएगा। इसके अलावा सब्सिडी, किराए के घर आदि मामलों में एकल महिला और महिला मुखिया परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री नायडु ने कहा सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत विश्वसनीय और उच्च गुणव्वत्ता वाले सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में लगभग एक करोड़ घरों में शौचालय बनाए जाएंगे जिसका फायदा प्रतिदिन दो करोड़ से भी ज्यादा महिलाओं को मिलेगा।
श्री नायडु ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के जरिए उनके कल्याण के उद्देश्य से सरकार ‘engendered cities’ को प्रोत्साहित करने को इच्छुक है।