- February 13, 2015
राष्ट्रीय लोक अदालत: बैंक ऋण, चैक अनादरण एवं वसूली विवाद
प्रतापगढ़/ – 13 फरवरी 2015 -शनिवार को जिला एवं ताल्लुका न्यायालयों में बैंक ऋण, चैक अनादरण एवं वसूली विवादों आपसी सहमति व समझाईश के जरिये निपटाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बैनर तले बैंक ऋण, चैक डिसआॅनर एवं ऋण वसूली विवादों एवं मुकदमा दर्ज करने से पूर्व एक बार मिल तो लें’ की तर्ज पर प्रि-लिटीगेशन मामलों के पक्षकारान बैंक प्रतिनिधियों का जमावडा राष्ट्रीय लोक अदालत में ए.डी.आर सेन्टर में रहेगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश-पवन एन.चन्द्र की निर्देशानुसार प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित समस्त न्यायालयों में विचाराधीन एवं मुकदमा दर्ज करने से पूर्व एक बार मिल तो लें’की तर्ज पर प्रि-लिटीगेशन को राजीनामा के माध्यम से निपटाने हेतु गठित की गई राष्ट्रीय लोक अदालत बैंचों द्वारा विवादों को निपटाने में कोई कसर नहीं रखी जावेगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश पवन एन. चन्द्र ने राष्ट्रीय लोक अदालत के इस आयोजन को आम जन के हितार्थ पुनीत एवं पावन कार्यक्रम निरूपित करते हुए सभी बैंक प्रकरण, चैक डिसआॅनर , आपसी ऋण वसूली एवं बैंक ऋण वसूली के पक्षकारान से आव्हान किया कि यदि आप अपने विवादों को आपसी सहमति व समझाईश से निपटाने को तत्पर हो तो एक बार अवश्य राष्ट्रीय लोक अदालत के इस आयोजन में शामिल होकर अपने विवादों का निपटारा कराकर इस सुनहरे मौके का अवश्य लाभ लें।
प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच प्रथम- जिला एवं सेशन न्यायाधीश पवन एन.चन्द्र की अध्यक्षता में एवं अरविन्द कुमार डया एवं सुनील मेहता राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच-द्वितीय-विशिष्ठ न्यायाधीश-अ.जा./अ.ज.जा. (अनिप्र) हुकमसिंह राजपुरोहित की अध्यक्षता एवं केशरसिंह बाठी एवं सिद्धार्थ मोदी, राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच-तृतीय-मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट-श्रीमती लता गौड़ की अध्यक्षता एवं सुश्री विजयलक्ष्मी आर्य एवं ललितकुमार भावसार राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच-चतुर्थ- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट़-गोविन्द बल्लभ पंत की अध्यक्षता में एवं देवेन्द्र अहिवासी एवं राधेश्याम कुमावत से राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन में अपना अमूल्य समय एवं सहयोग प्रदान कर विधिक सेवा के इस पुनीत एवं पावन कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की।
प्राधिकरण के अध्यक्ष पवन एन.चन्द्र ने इस अवसर पर जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष एवं समस्त अधिवक्तागण के साथ-साथ विधिक सेवा कार्यक्रम से जुड़े हुए समस्त पदाधिकारीगण से लोक अदालत के माध्यम से अधिकाधिक प्रकरणों का निस्तारण कराने में सहयोग की अपील की।
नोटः-फोटो भी है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,
प्रतापगढ़ (राज.)
सदस्यता में जिला न्यायालय में विचाराधीन बैंक दावों एवं बैंक ऋण वसूली के प्रि-लिटीगेशन कुल 351 मामलों की सुनवाई की जावेगी। राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच-2-विशिष्ठ न्यायाधीश-अ.जा./अ.ज.जा.(अनिप्र) हुकमसिंह राजपुरोहित की अध्यक्षता एवं केशरसिंह बाठी एवं सिद्धार्थ मोदी की सदस्यता में कुल 384 प्रि-लिटीगेशन मामलों, राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच-3-मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट-श्रीमती लता गौड़ की अध्यक्षता एवं सुश्री विजयलक्ष्मी आर्य एवं ललितकुमार भावसार की सदस्यता में मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट न्यायालय में विचाराधीन बंैंक संबंधी कुल 103 मामलों की एवं राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच-4-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट-प्रतापगढ़-गोविन्द बल्लभ पंत की अध्यक्षता में एवं देवेन्द्र अहिवासी एवं राधेश्याम कुमावत की सदस्यता में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट न्यायालय, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट अरनोद मु0 प्रतापगढ़ , सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टेªट न्यायालय एवं अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टेªट प्रतापगढ़ न्यायालय के कुल 71 मामलों की लोक अदालत की भावना से सुनवाई कर अधिकाधिक संख्या में प्रकरणों का राजीनामा से निपटाने के प्रयास किये जावेगें।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष-जिला एवं सेशन न्यायाधीश-पवन एन.चन्द्र ने 14 फरवरी 2015 शनिवार को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर जनहित में अपील की कि
आमजन से अपील की कि समाज में आपसी भाईचारा, प्रेम व सौहार्द बना रहे इसके लिए प्रतापगढ़ जिले की समस्त न्यायालयों में सोमवार सुबह से ही आने वाले हरेक व्यक्ति जिसका मामला राजीनामा योग्य है वह अपने मामले को निपटाने कर इस सुनहरे मौके का लाभ अवश्य उठावें।
इस मौके पर आमजन के लिए जिला न्यायालय में आयोजित होने वाले मेले में प्रतापगढ़ मुख्यालय के समस्त न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत काउंटर की व्यवस्था की गई है। जिसमें आमजन एक बार आकर इस सुनहरे मौके का अवश्य लाभ लेवें।
अपील की गई है कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन में अपना अमूल्य समय एवं सहयोग प्रदान कर विधिक सेवा के इस पुनीत एवं पावन कार्यक्रम को सफल बनावें।