गांधीनगर में 18वां ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन

गांधीनगर में 18वां ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन
नई दिल्ली  – गुजरात के गांधीनगर में दो दिवसीय 18वां ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन का कल समापन हो गया। इस बार सम्मेलन का विषय ‘डिजिटल शासन- नए मोर्चे’ था। समापन सत्र को संबोधित करते हुए गुजरात के राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने कहा कि ई-शासन बेहद जरूरी है क्योंकि यह यह सबसे आसान, प्रभावी और किफायती है।

उन्होंने कहा कि यह सूचना प्रौद्योगिकी के सबसे उपयोगी क्षेत्रों में से एक है। आर्थिक लिहाज से प्रशासन के लिए यह सशक्त और सक्षम बनाने तथा बराबरी लाने में कारगर है। राज्यपाल ने कहा कि ई-शासन को समझने और अधिकारयों के बीज जागरूकता पैदा करने के लिहाज से यह सम्मेलन बेहद उपयोगी रहा।

श्री कोहली ने इस दौरान गुजरात में राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न ई-शासन कार्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोबाइल प्रौद्योगिकी ई-गवर्नेंस के तहत सेवाओं को मुहैया कराने के लिए एक पसंदीदा रास्ता है।

उन्होंने विश्वास जताया कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास पर ध्यान देने के लिए सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के लोग परस्पर मजबूत संबंध स्थापित करेंगे। श्री कोहली ने कहा कि भारतीय युवा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के जरिये अपने राष्ट्र का विकास करेंगे।

दूसरे दिन ‘कौशल विकास और रोजगार क्षमता’ विषय पर विचार विमर्श के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई। इस साल के सम्मेलन का फोकस ई-शासन की तरफ ही है। इसके अलावा ‘उद्योग के साथ भागीदारी – नया व्यापार मॉडल और सेवा डिलिवरी’ और ‘स्मार्ट सिटी में नागरिक सेवा-नए प्रतिमान’ विषय पर भी चर्चा हुई। दो दिवसीय सम्मेलन में चले विचार विमर्श में सरकार, उद्योग, आईआईएम, ई-गवर्नेंस बोर्ड, एस्टोनिया, आईएलओ, विश्व बैंक आदि क्षेत्रों के प्रख्यात हस्तियों ने हिस्सा लिया।

गुजरात के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री गोविंदभाई पटेल ने भी इस अवसर पर समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कम से कम लागत में सुधार की प्रक्रिया को पेश करते हुए सभी राज्यों को मौजूदा योजनाओं के पुनर्गठन और फिर से ध्यान केंद्रित करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इंटरनेट को किफायती बनाने, इसे सबकी पहुँच बनाने के साथ ही इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार करने का भी अनुरोध किया। श्री पटेल ने इसे आत्मनिर्भर प्रक्रिया बनाने को लेकर विश्वास व्यक्त किया।

गुजरात की मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सम्मेलन का उद्घाटन किया था। उद्घाटन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने टिवटर पर कहा कि ई-शासन सपनों के डिजिटल भारत का अनिवार्य हिस्सा है।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया था। गुजरात की मुख्यमंत्री ने 2014-15 के लिए ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में उत्कृष्टता को लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply