जहां सिर्फ बेटियों की ही मौत : तीन साल में 186 बेटियां मरीं

जहां सिर्फ बेटियों की ही मौत  : तीन साल में 186 बेटियां मरीं
भिंड (भोपाल समाचार) –  भिंड जिले का एक ऐसा गांव, जहां सिर्फ बेटियों की ही मौत होती है। बेटों काे बुखार तक नहीं आता और बेटियों की जन्म के 24 घंटे के भीतर मौत गई। जी हां, इटायदा गांव में जून 2010 से अगस्त 2011 के बीच 12 बेटी और 32 बेटों ने जन्म लिया। 12 बेटियों की जन्म के 24 घंटे के भीतर मौत हो गई और सभी 32 बेटे सुरक्षित रहे।
खरौआ के सरपंच रामअख्तयार गुर्जर ने इटायदा में बेटों के सुरक्षित रहने और सिर्फ बेटियों के मारे जाने के मामले की जांच कराने शिकायत तत्कालीन कलेक्टर अखिलेश श्रीवास्तव से की थी। बेटियों के परिजन उनकी मौत का स्पष्ट कारण नहीं बता पाए।
गोहद के तत्कालीन बीएमओ डॉ.आलोक शर्मा के मुताबिक परिजन के बयान से स्पष्ट था कि उन्होंने ही अपनी बेटियों को मारा है। लेकिन प्रशासन ने इस रिपोर्ट को ही बाद में गायब करवा दिया। इस कारण दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो पाई।
केंद्र सरकार ने भिंड में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं योजना का आगाज किया है, लेकिन हालात यह हैं कि जिले में हर साल 60 से अधिक बेटियों की मौत बीमारी अौर अन्य कारणों से हो रही है।
अफसर आमने-सामने
श्योपुर में पदस्थ और भिंड की तत्कालीन महिला बाल विकास अधिकारी कल्पना बौहरे अौर भिंड महिला बाल विकास अधिकारी डीएस जादौन इटायंदा गांव में 12 बेटियों की मौत के रिकॉर्ड गायब होने को लेकर आमने-सामने हैं। जादौन ने कहा कि कल्पना बौहरे ने इटायंदा गांव में 12 बेटियों की मौत को लेकर जांच की थी, इसका कोई भी रिकॉर्ड दफ्तर में मौजूद नहीं है। इसकी जानकारी वही दे सकती हैं। उधर, कल्पना बौहरे का कहना है कि जांच कर रिकाॅर्ड मैंने कार्यालय में रख दिए थे, हो सकता है, गायब हो गए हों।
तीन साल में 186 बेटियां मरीं
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में साल 2010-11 में 63, 2011-12 में 63 अौर 2012-13 में 60 बेटियों की मौत हुई है। सीएमएचओ डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि जिले के पांच सौ ग्रामों में आज भी आठ सौ से नीचे बेटियों का लिंगानुपात है। इस लिंगानुपात को बढ़ाने में दो साल का समय लग जाएगा ।
चार से पांच साल पुरानी घटना है। इटायंदा की रिपोर्ट मेरे सामने नहीं आई। जांच के लिए मैंने सीएमएचओ अौर महिला बाल विकास अधिकारी की कमेटी बनाई थी। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अखिलेश श्रीवास्तव
डिप्टी कमिश्नर (तत्कालीन कलेक्टर भिंड)

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