- January 15, 2015
वित्त मंत्रालय : नागरिक सशक्तिकरण के लिए ई-प्रशासन
श्री अरुण जेटली सूचना और प्रौद्योगिकी समूह (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर) के साथ एक बजट पूर्व सलाहकार बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैश्विक गुणवत्ता स्तरों के साथ प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर भारत में उत्पादन के लिए इस संदर्भ में ‘मेक इन इंडिया’ पहल का शुभारंभ किया है। श्री जेटली ने कहा कि वैश्विक बाजार के लिए भारत में प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर व्यापक उत्पादन के विचार से न सिर्फ लाभदायक रोजगारों का सृजन होगा, बल्कि भारत के लाभांश को बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी।
वित्त मंत्री श्री जेटली ने कहा कि हाल के वर्षों में इस क्षेत्र के समग्र तीव्र विकास में 86 बिलियन अमरीकी डॉलर की निर्यात आय भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारतीय सूचना और प्रौद्योगिकी उद्योग की क्षमताओं में महत्वपूर्ण रूप से विस्तार हो चुका है।
उन्होंने कहा कि अमरीका के अलावा भारत एकमात्र ऐसा देश है जो सूचना प्रौद्योगिकी, बीपीएम, सॉफ्टवेयर उत्पादों और अभियांत्रिकी, अनुसंधान एवं विकास तथा इंटरनेट और ई-कॉमर्स में अंतिम छोर तक सेवाएं प्रदान करने की क्षमता रखता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ पहल की सफलता से भी डिजाइन, परिनियोजन, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी और इसकी सफलता जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के बुनियादी विकास को अत्यंत सुदृढ़ बनाने की उत्सुक है, ताकि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को न सिर्फ देश के विकासात्मक मानचित्र पर बल्कि विश्व के समक्ष भी मजबूती के साथ खड़ा किया जा सके। यह पहला अवसर है जब वित्त मंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व एक महत्वपूर्ण बैठक की है।
इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा, वित्त सचिव श्री राजीव महर्षि, राजस्व सचिव श्री शक्तिकांत दास, व्यय सचिव श्री रतन पी. वातल, इलेक्ट्रॉनिक्स सचिव डॉ. अरविंद सुब्रमण्यम, मुख्य आर्थिक सलाहकार और सुश्री स्नेहलता श्रीवास्तव के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के प्रमुख समूहों से जुड़े प्रतिनिधियों ने भाग लिया।