क्षिप्रा तट पर नर्मदा का पानी पहुँचने पर पूजा-अर्चना और चुनरी

क्षिप्रा तट पर  नर्मदा का पानी पहुँचने पर पूजा-अर्चना और  चुनरी

मकर संक्राति के पर्व पर उज्जैन में आज रामघाट क्षिप्रा तट पर नर्मदा का पानी पहुँचने पर पूजा-अर्चना कर चुनरी ओढ़ाई गई। लगभग 50 किलोमीटर सफर तय कर नर्मदा का पानी शिप्रा के रामघाट तक पहुँचा है। इस पानी का पेयजल के रूप में भी उपयोग करने की योजना बनाई जा रही है। उज्जैन के समीप त्रिवेणी डेम पर पानी ओवर फ्लो हो रहा था। अब नर्मदा के पानी की मात्रा बढ़ जाने से क्षिप्रा नदी में लगातार साफ पानी प्रवाहित हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि नर्मदा का पानी एक दिसंबर 2014 से लगातार छोड़ा गया। अभी तक 340 एम.सी.एफ.टी. पानी छोड़ा जा चुका है। इससे शिप्रा नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है। अब क्षिप्रा में पानी का बहाव जैसा होना चाहिए वैसा हो गया है।

इस शुभ-प्रसंग पर रामघाट क्षिप्रा नदी में मकर संक्राति के पर्व पर स्नान करने आये श्रघ्दालुओं ने भी खुशी जाहिर कर नर्मदा-क्षिप्रा लिंक योजना की सराहना की।

उल्लेखनीय है कि 29 नवम्बर 2012 को पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने इंदौर जिले के ग्राम उज्जैनी में नर्मदा-क्षिप्रा-सिंहस्थ लिंक परियोजना का भूमि-पूजन किया था। परियोजना 14 माह की रिकार्ड अवधि में पूरी हुई। श्री आडवाणी ने ही 25 फरवरी 2014 को परियोजना का लोकार्पण किया। परियोजना के जरिये आज रामघाट तक पानी पहुँचा।

नर्मदा-क्षिप्रा-सिंहस्थ लिंक परियोजना के मुख्य बिन्दु

1.

उद्वहन द्वारा जल की मात्रा

5.0 क्यूमेक

2.

(अ) राइजिंग मेन की कुल लम्बाई

49.00 कि.मी.

3.

(ब) राइजिंग मेन की सड़क के समानांतर लम्बाई

28.00 कि.मी.

4.

(स) (1) वन क्षेत्र में से जाने वाली राइजिंग मेन की लम्बाई

5.50 कि.मी.

(2) वन क्षेत्र में से जाने वाली सुरंग की लम्बाई

4.50 कि.मी.

5.

सिसलिया तालाब की समुद्र तल से ऊँचाई

228.00 मी.

6.

ग्राम उज्जैनी के निकट जिजलावंती नाला की समुद्र तल से ऊँचाई

576.00 मी.

7.

उद्वहन की कुल ऊँचाई

348.00 मी.

8.

राइजिंग मेन के पाइप का व्यास

2.00 मी. (एक पंक्ति में)

9.

विद्युत मोटर पम्पस्

3 नग (3000 कि. वाट प्रत्येक)

10.

भू-अर्जन (अ) वन क्षेत्र

5.00 हेक्टेयर

(ब) निजी भूमि

70.00 हेक्टेयर

11.

विद्युत मोटर पम्पस् को स्थित करने का स्थान (Booster places)

प्रथम-सिसलिया तालाब, द्वितीय-ग्राम गवालू, तृतीय-ग्राम बाई

12.

योजना की कुल लागत

रुपये 432 करोड़

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