सिंहस्थ-2016 :: ‘धरती के अस्तित्व को कैसे बचाये’?

सिंहस्थ-2016 :: ‘धरती के अस्तित्व को कैसे बचाये’?
 

सिंहस्थ महाकुम्भ अनादि-काल से दुनिया को मार्गदर्शन देते आ रहा है। राज्य सरकार ऐसा प्रयास कर रही है कि दुनिया की महत्वपूर्ण समस्याओं पर सिंहस्थ-2016 में चिंतन-मंथन हो। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर के ग्राम शिवकोठी में कही। श्री चौहान साध्वी ऋतम्भरा द्वारा संचालित सी.बी.एस.सी. सम्विद गुरुकुलम के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुँचे थे।CM-Khandwa-Gurukul

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार सिंहस्थ-2016 में ‘धरती के अस्तित्व को कैसे बचाये’?, ‘नारी सशक्तिकरण’, ‘मूल्य आधारित जीवन-शैली’ और ‘धर्म के मूल तत्व’ विषय पर चिंतन-मंथन के लिये मंच उपलब्ध करवायेगी। प्रयास होगा कि अधिक से अधिक संत और प्रबुद्धजन इस मंथन में शामिल हों और दुनिया का मार्ग प्रशस्त करें। श्री चौहान ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान ओंकारेश्वर पहुँचने वाले भक्तों के लिये भी राज्य सरकार सम्पूर्ण तैयारी करेगी।

इसके पूर्व मुख्यमंत्री सपत्निक परम शक्ति पीठ आश्रम पहुँचे। उन्होंने दीप जलाकर सम्विद गुरुकुलम में प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया। श्री चौहान ने साध्वी माँ श्री ऋतम्भरा द्वारा नारी शिक्षा एवं सशक्तिकरण की दिशा में किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।

केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

कार्यक्रम में विधायक सर्वश्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, हितेन्द्र सिंह सोलंकी, राजकुमार मेव, सुश्री योगिता नवल सिंह बोरकर सहित संत समाज एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

वीरेन्द्र सिंह गौर

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