- January 3, 2015
हस्तशिल्प उद्योग:नई टेक्नोलोजी के साथ स्थापित करने की जरूरत -केन्द्रीय राज्य मंत्री
जयपुर – केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि टेक्नोलॉजी के जमाने में हस्तशिल्प उद्योग के विकास के लिए नई तकनीक के साथ स्थापित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के तहत राजस्थान में इक्यूवेशन सेन्टर जोधपुर में खुलवाया जाएगा।
श्री गिरिराज सिंह शुक्रवार को जोधपुर के रावण का चबूतरा पर आयोजित दस दिवसीय पच्चीसवें पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने फीता काटकर एवं गणपति पूजन कर उत्सव का उद्घाटन किया तथा स्वामी विवेकानंद केन्द्रीय पाण्डाल में हस्तशिल्पियों व उद्यमियों के प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया।
केन्द्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री ने समारोह में कहा कि राजस्थान ने केवल राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश में लोगों को रोजगार देने का काम किया है। उद्योग किसे कहते है, यह राजस्थान ने सीखाया। राजस्थान के विकास के बिना देश का विकास नहीं है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प में हमारी लीड है। वर्ष 1986-87 से हैण्डीक्राफ्ट के निर्यात का काम चला जो 386 करोड रुपये था वह आज बढ़कर 23 हजार 504 करोड़ का हो गया है। इसमें 60 प्रतिशत उद्योग के क्षेत्र में लोगों को रोजगार मिला है। विश्व में 100 मिलियन डॅालर का स्कोप है जिसमें हम दो प्रतिशत भागीदार बन रहे है। इसके लिए नई टेक्नोलॉजी को कैसे स्थापित किया जा सकता है। टेक्नोलोजी के इस जमाने में हमें हस्तशिल्प विकास की तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 50 करोड को कौशल से जोडऩे का संकल्प लिया है। उनके इस मिशन को कामयाब करने के लिए राज्य के उद्योग मंत्री के साथ मिल बैठकर विचार-विमर्श करेंगे। उन्होने कहा कि अब ए बी सी डी संस्कृति नहीं चलेगी। हमें रेसपोंसिबिलिटी, अॅानर व अकाउन्टबिलिटी आर ओ ए डी की कार्य संस्कृति लानी होगी। हमारी उत्तरदायी जनता के प्रति है और हम उसका निर्वहन करेंगे। किसान व उद्योगपति के सामंजस्य को बनाकर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जो भी प्रयास करने है वो करेंंगे। इसमें कानून में बदलाव लाना पड़े तो वो भी लाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश को आज सकारात्मक सोच, अच्छे विचार व अच्छे माहौल की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने जो वादा किया है हम उसको पूरा करेंंगे। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प या अन्य उद्योगों के उत्पादों के निर्यात एवं टेक्नोलोजी की कोई अड़चने होगी तो उसे भी दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान में हस्तशिल्प उत्सव को और आगे ले जाना होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि हस्तशिल्प उद्योग एवं अन्य लघु उद्योग के विकास के लिए केन्द्र सरकार की ओर से हर संभव पूरा सहयोग किया जाएगा।
राज्य के उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राजस्थान से हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात चार हजार करोड़ से अधिक हो रहा है। इसमें पश्चिमी राजस्थान की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग एवं हैण्डीक्राफ्ट को जो भी सहयोग दे सकते है वो देंगे और आगे बढायेंगे। जोधपुर ही नहीं राज्य के औद्योगिक विकास मेें कोई कमी नहीं रखी जाएगी। यहां संसाधन उपलब्ध और वर्किंग कल्चर भी है। सोलर पॅावर का पश्चिमी राजस्थान हब बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने लेबर-लॅा में जो संशोधित किया उसकी केन्द्र सरकार ने भी सराहना की। उन्होंने कहा कि हैण्डीक्राफ्ट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बहुत लाभदायक है। विनियोजको को भी विश्वास हो गया है कि राजस्थान में निवेश से लाभ मिलेगा।
उन्होंने दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्री कॅारीडोर की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें चालीस प्रतिशत राजस्थान का क्षेत्र है। हाईस्पीड ट्रेन चलने से 14 घंटों में पहुंच जाएगें। यह अगले दो-ढाई साल में चलने लग जाएगी। नीमराना से होता हुआ फुलेरा, किशनगढ, अजमेर, मारवाड़ जंक्शन, सिरोही के मार्ग में 150 किलोमीटर पूर्व व इतना ही पश्चिम में औद्योगिक क्षेत्र होगा। डी एम आई सी जोधपुर एयरपोर्ट पर काफी पैसा खर्च करेगा। निर्यात भी बढेगा। उन्होंने कहा कि कंटेनर्स के लिए पाली-मारवाड़ जंक्शन तक व्यवस्था की जाएगी। इसमें उद्यमियों के माल-उत्पाद मारवाड़ जंक्शन तक जा सकेंगे।
प्रारंभ में उत्सव संयोजक श्री मेघराज लोहिया ने बताया कि उत्सव में करीब 24 राज्यों के हस्तशिल्पी, बुनकर, दस्तकार सहित अन्य उद्यमी भाग ले रहे है।