- January 1, 2015
सामाजिक एकता एवं समरसता की जरूरत – शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर -शिक्षा राज्य मंत्री प्रो.वासुदेव देवनानी ने कहा कि आज विभिन्न विचारधाराओं एवं वर्गों को संगठित करते हुए राष्ट्र को एक रखने वाली राष्ट्रवादी सोच को बढ़ावा देते हुए हमारी मौलिक भारतीय संस्कृति का परिचय देने की महती जरूरत है।
प्रो. देवनानी बुधवार को उदयपुर के बीएन संस्थान सभागार में सेवा भारती चिकित्सालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय व्याख्यानमाला के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित देश के महापुरूषों एवं समाजोत्थान एवं सामाजिक समरसता को पुनःस्थापित करने में योगदान देने वाली विभूतियों के सिद्दान्तों पर चलते हुए जातिवाद, वर्गवाद एवं छुआछूत के विकारों को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अपने निहित स्वार्थों के लिए धर्म का सहारा लेने के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद करने के लिए मानवतावादी गुणों को दर्शानें के लिए मानव जाति को एकता का परिचय देना चाहिए।
उन्होंने पीडि़त एवं अभाव अभियोग के दौर से गुजर रही मानवता का सहारा बनने के लिए भामाशाहों को अपना अनुकरणीय योगदान देने के लिए आगे आने की अपील की और कहा कि यहीं भारतीय संस्कृति का मौलिक आधार है।
समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. मनमोहन वैद्य ने देश की एकता और अखण्डता के लिए असमानता के भेद को मिटाते हुए समाजोत्थान के लिए एकजुट प्रयासों की जरूरत बताई।
आरंभ में सेवा भारती के प्रबंध निदेशक श्री यशवन्त पालीवाल ने चिकित्सालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। वैद्य रामेश्वर शर्मा ने मंगलाचरण जबकि श्री रवि बोहरा ने स्वरचित काव्य पाठ में भारत मां का यशोगान किया। इस मौके पर नगर निगम महापौर श्री चन्द्र सिंह कोठारी, देश के प्रसिद्घ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.प्रवीण भावसार, पूर्व महापौर श्रीमती रजनी डांगी, समाजसेवी श्री कुन्तीलाल जैन, श्री दिनेश भट्ट, श्री गोपाल बनेडिया, डॉ.सुरेश श्रीमाली, डॉ.एल.एल.श्रीमाली, श्री शिवनारायण नायक सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।
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