- December 20, 2014
”नवाचारों से बढ़ेगी पीएमजीएसवाई
जयपुर -प्रदेश ने पिछले 14 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में वृहद पैमाने पर गुणवत्तायुक्त सड़कों का निर्माण कर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। अब इन सड़कों के जरिए राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में ओर तेजी से अभिवृद्घि के लिए रूरल रोड ट्रांसपोर्ट, वेयर हाउसिंग सुविधाओं के निर्माण एवं महानरेगा के अन्तर्गत कृषि-बागवानी जैसे कार्यों की अनुमति, नवाचारयुक्त स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए जाने जैसे उपायों पर जोर दिया जाना चाहिए।
यह विचार सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री डी.बी.गुप्ता ने शुक्रवार को निर्माण भवन के सभागार में एक प्रस्तुतीकरण के अवसर पर विश्व बैंक के प्रतिनिधियों एवं विभागीय अभियंताओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने निर्माण कार्यों में कॉस्ट इफेक्टिवनेस एवं नवाचारों पर बल देते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्रामीण गौरव पथ के निर्माण, ओपीआरसी एवं पीपीपी पद्घति से 20 हजार किलोमीटर स्टेट हाईवे के निर्माण की महत्वाकंाक्षी योजनाओं की जानकारी विश्व बैंक के प्रतिनिधियों को दी।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपसचिव श्रीमती मंजू राजपाल ने पीएमजीएसवाई-द्वितीय के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्रामीण क्षेत्र में सड़क निर्माण की प्री-प्लानिंग के दौरान ही कृषि, परिवहन, पंचायत राज विभाग और अन्य सभी हित पक्षों को इससे जोड़ा जाना चाहिए ताकि प्रस्ताव में उनके सुझावों को शामिल किया जा सके। यह प्लानिंग वास्तविक निर्माण से एक-दो वर्ष पूर्व ही हो जानी चाहिए।
विश्व बैंक की वरिष्ठ सामाजिक विकास विशेषज्ञ संगीता कुमारी ने पीएमजीएसवाई सड़कों के ‘पॉवर्टी एण्ड साश्यल इम्पेक्ट एनालिसिसÓ विषयक अपने प्रस्तुतीकरण में झारखण्ड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के तुलनात्मक अध्ययन का सार प्रस्तुत किया। पीएमजीएसवाई सड़कों के निर्माण से इन प्रदेशों में ग्रामीणों की आय, आवागमन, वाणिज्यिक क्रियाओं में आए परिवर्तन एवं अन्य प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रभाव को उन्होंने समझाया। मुख्य अभियंता पीएमजीएसवाई श्री धीरेन्द्र माथुर ने राजस्थान में ग्रामीण सड़कों की कनेक्टिविटी के बारे में जानकारी दी।
प्रस्तुतीकरण के दौरान सानिवि के शासन सचिव श्री आर.पी.खण्डेलवाल, मुख्य अभियंता पथ श्री जी.एल.राव, विश्व बैंक नई दिल्ली के श्री अरनब बंधोपाध्याय, श्री मेसफिन वोदाजो जीजो श्री ए.के.शर्मा, बिट्स पिलानी के एसोसिएट प्रोफेसर श्री संजीव कुमार चौधरी एवं प्रदेशभर से आए विभागीय अभियंता शामिल हुए एवं विचार-विमर्श में हिस्सा लिया।
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